देश में पहली बार आर्य उप प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर द्वारा मनाया जाएगा मनु व मनुस्मृति महोत्सव 2025"
- प्रतिवर्ष नववर्ष के अवसर पर राष्ट्रीय महोत्सव के रूप में मनाने की डाली जाएगी परंपरा
यह एक सर्वविदित तथ्य है कि संसार के आदि संविधान निर्माता और व्यवस्थापक महर्षि मनु के साथ बहुत भारी अन्याय किया गया है । देश में अनेक लोगों ने मनु की कथित जाति व्यवस्था पर न जाने कितने पत्थर फेंक कर हमारे इस महानायक के यश रूपी शरीर को लहूलुहान किया है । किसी ने जानबूझकर तो किसी ने अनजाने में यह पाप निरंतर किया है। राजनीतिक क्षेत्र में जहां मनु महाराज ने अपने राजनीतिक दर्शन के माध्यम से हमें संविधान प्रदान किया, वहीं सामाजिक क्षेत्र में भी जीवन और जगत की अबूझ पहेलियों को बड़ी सुगमता से सुलझाते हुए और ' सबका साथ - सबका विकास' जैसी जीवनोपयोगी विचारधारा में विश्वास रखते हुए आगे बढ़ने का मार्ग प्रस्तुत किया। एक प्रकार से पूरी वैदिक व्यवस्था का निचोड़ निकालकर उन्होंने ' मनु स्मृति ' के माध्यम से मानवता की अप्रतिम सेवा की । यदि मनु जैसी प्रतिभा किसी अन्य देश के पास होती तो निश्चित रूप से वह उसे संसार भर की महाप्रतिभा के रूप में स्थापित करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाता । परंतु हमारे देश के अज्ञानी नेतृत्व ने इसके विपरीत आचरण करते हुए अपनी महा प्रतिभा को विस्मृति का गहन अंधकार में धकेलने का पाप किया।
जिसके चलते मानव इतिहास के इस महानायक और महा प्रतिभा संपन्न व्यक्तित्व मनु पर भांति भांति के आरोप लगाकर उन्हें अपमानित करने का कार्य किया गया।
भारत के राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में महर्षि मनु के विरुद्ध चल रहे इस घृणित अपराध और मनोविकार को रोकने के उद्देश्य से प्रेरित होकर अब जनपद गौतम बुद्ध नगर की आर्य प्रतिनिधि सभा द्वारा महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए संसार के इस आदि व्यवस्थापक और संविधान निर्माता महर्षि मनु के व्यक्तित्व और कृतित्व को जन साधारण के सामने लाने का बीड़ा उठाया गया है। इस संदर्भ में प्रतिनिधि सभा द्वारा अनूठी पहल करते हुए निर्णय लिया गया है कि आगामी 4,5 व 6 अप्रैल 2025 को इस ऐतिहासिक भव्य महोत्सव को पहली बार गुरुकुल सिकंदराबाद जनपद गौतम बुद्ध नगर की ऐतिहासिक भूमि पर आयोजित किया जाएगा।
आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर के प्रधान डॉक्टर राकेश कुमार आर्य ने इस संदर्भ में बातचीत करते हुए हमें बताया कि महर्षि मनु को केवल आर्य समाज द्वारा ही स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुध नगर इस संघर्ष को आर्य सिद्धांत रक्षक ट्रस्ट के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर लेकर जाएगी। इसके लिए उन सभी आर्य विद्वानों को आमंत्रित किया जाएगा जो महर्षि मनु के वास्तविक स्वरूप के प्रति चिंतित हैं और उसे स्थापित कर भारत और विश्व की व्यवस्था को सुधारने के लिए कुछ करना चाहते हैं। डॉ आर्य ने बताया कि यह सिलसिला अभी आरंभ हुआ है, इसे पूर्णता तक पहुंचाने के लिए समय चाहिए। परंतु एक अभियान जो आरंभ हो चुका है, वह अंजाम से पहले रुकेगा नहीं। नए अभियान को नए जोश, नई सोच , नई खोज और नए ओज के साथ स्थापित करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर देश के सभी हिंदूवादी संगठनों, उनके प्रमुखों, उनके चिंतकों और राष्ट्रवादी सोच रखने वाले व्यक्तियों का आवाहन करती है कि वह इस अभियान के साथ जुड़कर आर्य प्रतिनिधि सभा गौतम बुद्ध नगर का मनोबल बढ़ाएं।
सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर के इस महान और ऐतिहासिक कार्यक्रम का बढ़ चढ़कर प्रचार प्रसार किया जाए। जिससे राष्ट्र की उलटी दिशा को एक सकारात्मक विमर्श के साथ समन्वित कर राष्ट्र के युवाओं को एक नई दिशा दी जा सके।
उत्तर प्रदेश आर्य वीर दल के सचिव आर्य वीरेश भाटी द्वारा रखे गए इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया।
जबकि आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर के वरिष्ठ उप प्रधान मुकेश नागर एडवोकेट द्वारा प्रस्ताव रखा गया कि आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर भारत सरकार से यह मांग करेगी कि मनुस्मृति को राष्ट्रीय संविधान का प्रेरक ग्रंथ घोषित किया जाए। इस पर विचार व्यक्त करते हुए आर्य विद्वान आर्य सागर ने कहा कि इस प्रकार के अन्य सकारात्मक प्रस्ताव कार्यक्रम के समय तैयार कर उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार के लिए भेजे जाएंगे।
मनु पर भ्रामक आरोपों का निराकरण समय की आवश्यकता
प्रस्तावित 'मनु महोत्सव' 125 वर्ष पुरानी शैक्षणिक संस्था गुरुकुल महाविद्यालय सिकंदराबाद में आयोजित किया जाएगा । इस संबंध में 8 मार्च को इस गुरुकुल के प्रांगण में एक आर्यजनों की एक विशेष बैठक अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार आर्य की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस अवसर पर आर्य जगत के सुप्रसिद्ध विद्वान देव मुनि जी महाराज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मनु पर भ्रामक आरोपों का निराकरण करना समय की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस कार्य को केवल आर्य समाज का मंच ही कर सकता है। क्योंकि आर्य समाज ने अपने अनुसंधानात्मक दृष्टिकोण से महर्षि मनु की मनुस्मृति में की गई घपलेबाजी को बहुत पहले दूर करने का ऐतिहासिक कार्य किया है। जिसके लिए डॉक्टर सुरेंद्र कुमार जैसे विद्वानों का जितना अभिनंदन किया जाए उतना कम है। उन्होंने कहा कि हमें महर्षि मनु की मनुस्मृति की वैज्ञानिक व्याख्या के आधार पर समाज को नया दृष्टिकोण और नई सोच प्रदान करनी है। जिसके लिए उन सभी हिंदूवादी संगठनों को भी सोचने के लिए बाध्य किया जाएगा जिन्होंने मनु की मनुस्मृति की गलत व्याख्या में विश्वास व्यक्त करते हुए उसके अवैनिक, अतार्किक और वेद विरुद्ध संस्करणों को मानने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि मनु की जातिवादी व्यवस्था पूर्णतया कपोल कल्पना पर आधारित है। इसी प्रकार नारी के प्रति भी उनके सहज सरल और वेद संगत विचारों पर पानी फेरने का काम किया गया है।
उनकी दंड व्यवस्था पर भी अनावश्यक किए गए। इन सब के चलते महर्षि मनु की वास्तविक चिंतन धारा को स्थापित करना समय की आवश्यकता है।
कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा की जाएगी तैयार
आर्य जगत के युवा विचारक आर्य सागर का मानना है कि मनु महोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिए और इस परंपरा को मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए व्यापक कार्यक्रम की विस्तृत रूप रेखा तैयार की जाएगी। जिसके लिए वैदिक ऋषियों के चिंतन को प्रकट करने वाली प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा। साथ ही साथ जिन क्रांतिकारियों ने देश की स्वाधीनता के लिए कार्य किया उनको भी प्रदर्शनी में सम्मिलित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम स्थल पर एक विशाल मंच पर आर्य विद्वानों के द्वारा यज्ञ का कार्य संचालित रहेगा । जिसमें प्रत्येक आगंतुक महानुभाव कुछ मंत्रों से आहुति डालकर ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे। इस यज्ञवेदी के साथ ही प्रदर्शनी लगी होगी। जिसे देखकर श्रोता यज्ञ की महिमा और अपने देश के गौरवशाली इतिहास और उसकी परंपराओं से जुड़कर मनोवैज्ञानिक रूप से कार्यक्रम की दिव्यता को अनुभव कर पाएंगे। कार्यक्रम स्थल पर संवाद का कार्यक्रम भी निरंतर बना रहेगा। जिससे लोग मनुस्मृति और मनु महाराज के बारे में अधिक से अधिक चर्चा कर सकेंगे।
पूर्ण मनोयोग से जिम्मेदारी निभाकर संपन्न किया जाएगा कार्यक्रम
कार्यक्रम के लिए सारी सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शनी के माध्यम से प्रदर्शित करने का कार्य आर्य समाज के महत्वपूर्ण स्तम्भ और गुरुकुल मुर्शदपुर के प्रबंधक श्री विजेंद्र सिंह आर्य को दिया गया। जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी को पूर्ण उत्साह, लगन और समर्पण के साथ करने का संकल्प लिया। गुरुकुल सिकंदराबाद के प्रबंधक श्री ओमवीर सिंह भाटी ने इस अवसर पर गुरुकुल की ओर से प्रत्येक प्रकार की सुविधा अतिथियों के लिए प्रदान करने का आश्वासन दिया। आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुध नगर के उप प्रधान श्री मुकेश नागर एडवोकेट , आर्य वीर दल उत्तर प्रदेश के सचिव श्री आर्य वीरेश भाटी , जनपद के उप मंत्री धर्मवीर सिंह आर्य , श्री सौरभ आर्य , विपिन आर्य, महेंद्र सिंह आर्य, जीत सिंह आर्य, बाबूराम आर्य, इंजीनियर श्यामवीर सिंह भाटी सहित सभी वक्ताओं ने कार्यक्रम के प्रति अपना समर्पण व्यक्त किया।
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