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लिखी क्यों मिटा दी इबारत यों यारब।

लिखी क्यों मिटा दी इबारत यों यारब।

डॉ. मेधाव्रत शर्मा, डी•लिट•
(पूर्व यू.प्रोफेसर)

लिखी क्यों मिटा दी इबारत यों यारब।
गिरा दी क्यों ज़ेबा इमारत यों यारब।
सोने की चिड़िया का था जो बसेरा,
गुलिस्ताँ वही आज गारत यों यारब।
यगाना जो कल था वही अब बेगाना,
अजूबा पहेली है कुद्रत यों यारब ।
तस्वीर धुँधली हुई जा रही है,
कहलाए दुनिया में 'भारत' यों यारब।
खतरे में कौमी मुहब्बत का आलम,
गर्दिश में बेमिस्ल शुह्रत यों यारब।
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