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उफ्फ ये परीक्षा

उफ्फ ये परीक्षा

उफ्फ ये परीक्षा आई लाई है प्रश्नों की बौछार।
प्रश्न पत्र हल करते-करते पड़ ना जाए बीमार।
रोज रातदिन करें पढ़ाई अभ्यास भला हो कैसे।
अंग्रेजी अखरती सबको पास कर लें जैसे तैसे।

गणित गोल भूगोल सा विज्ञान प्रयोग सिद्ध करें।
हिंदी की कथा कहानियां राजनीति प्रसिद्ध करें।
परीक्षा केंद्र जाकर मैं तनिक सा ठहर जाता हूं।
प्रवेशपत्र लिए हाथ में प्रश्नपत्र सम्मुख पाता हूं।

उत्तर पुस्तिका खाली सी मैं भरना पूरी चाहता हूं।
सवालों के घेरे में घिरा कहां ज्यादा लिख पाता हूं।
परीक्षक यमराज सा लगे वक्त सांसों की डोर सा।
धक-धक कलेजा करता पल-पल सागर छोर सा।

विषयों की आपाधापी में समीकरण बन जाता हूं।
सागर नदियों सीमाओं में प्रश्नों में भटक जाता हूं।
कितनी कठिन घड़ियां कितनी परीक्षा देनी होती।
वक्त सबको सिखा देता जंग जिंदगी कैसी होती।


रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान 
रचना स्वरचित एवं मौलिक है
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