रंग दे रंगीले
रंग रंगीली होली आई उड़ने लगा गुलाल।चंग बांसुरी ढप सजे रसिया गाए धमाल।
रंगरसिया थिरक नाचे आई होली मस्तानी।
रंग दे रंगीले सांवरिया राधा हो गई दीवानी।
अंग अंग लगा रंग आया होली का त्योहार।
फागुन की मस्ती है बरसे रंगों की रसधार।
होली का हुड़दंग मचा यहां गीतों की फुहार।
आओ मिलकर खेले होली रंगों की बौछार।
फाग रंगीला उड़े अबीर गोरी करे सिणगार।
बलम संग सजनी नाचे उमड़ रहा है प्यार।
सद्भावों की होली आई रंग बरसे मनमोहन।
फूल खिले फागुन हरसे झूम रहा तन मन।
उमंग उल्लास लालिमा रौनक छाई गालों पे।
गीत तराने बांसुरी स्वर लहरी छाई कानों में।
होली होली धूम मची है मस्तानों की टोली।
रंग अबीर उड़े आसमां आओ खेले होली।
रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान रचना स्वरचित व मौलिक है
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