सीधी सच्ची परिभाषा यह कविता की,
मानवता की बात बताती कविता की।कभी आँख से आँसू निकले दुश्मन के,
जख्मों पर भी लेप लगाती कविता की।
ज्ञान धर्म अध्यात्म, समाहित सब इसमें,
प्यार समर्पण सन्देश सुनाती कविता की।
गुस्सा नफरत अहंकार भी इसमें मिलता,
बंजर में भी फूलों की क्षमता, कविता की।
सुन कर जिस कविता से भुजाएँ फड़क उठें,
राणा शिवा लक्ष्मी, गौरव गाथा कविता की।
रामायणमें लिखा रचा जो, वह कविता है,
वेद पुराण गीता गाथा, परिभाषा कविता की।
सृष्टि और ब्रह्माण्ड में, जो रचा बसा दिखता,
गंगा की कलकल झरनों का संगीत कविता की।
डॉ अ कीर्ति वर्द्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com