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पटना पुस्तक महोत्सव में कवि शंभू शिखर ने अपनी कविता से लोगों को गुदगुदाया

पटना पुस्तक महोत्सव में कवि शंभू शिखर ने अपनी कविता से लोगों को गुदगुदाया

  • लोग पेशे के लिए शौक छोड़ देते हैं, मैंने शौक के लिए पेशे को छोड़ दिया
पटना: भारतीय पुस्तक न्यास, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा पटना के गांधी मैदान में आयोजित पटना पुस्तक महोत्सव में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें बिहार के लाल शंभू शिखर, दिल्ली से आई पद्मिनी शर्मा कवित्री, दिशाश्री दरभंगा, कमल अग्या लखनऊ, अनुभव अज्ञानी उन्नाव ने अपनी काव्य प्रस्तुति से दर्शकों को खूब गुदगुदाया। शंभू शिखर ने कहा कि "मैं बिहार का रहने वाला हूं, यहाँ शराब बंद हो गयी, मैं दिल्ली जाकर बस गया". दर्शकों को हंसाते हुए उन्होंने कहा कि मैंने मोदी जी से पूछा कि आपकी नीयत, उन्होंने मुझे जवाब दिया कि पाक साफ अंत में इस कार्यक्रम में मौके पर डॉ तिष्या श्री व पदमिनी शर्मा ने दर्शकों का मनोरंजन किया, कार्यक्रम की शुरुआत पदमिनी शर्मा ने वीणाधारणी मां शारदे, वंदे-शारदे सरस्वती की गीत प्रस्तुत कर किया. वहीं, उन्होंने हास्य कविता के तौर पर एआइ के जमाने के प्यार का मतलब सिखाते हुए कहा कि "जर-नजर से मिली और कमाल होने लगा, बयां आंखों से सब हाल होने लगा. उन्होंने कवि शंभु शिखर के बारे में चार पंक्तियों कहा कि "उम्र 72 साल, दिल इलू इलू गाये, रंगीली होली में गाना गाये". वहीं, कवयित्री डॉ तिष्या ने कहा कि" लोग पेशे के लिए शौक छोड़ देते हैं, मैंने शौक के लिए पेशे को छोड़ दिया"। यह पुस्तक मेला 27 मार्च तक चलेगा। सभी के लिए प्रवेश निःशुल्क है। इस कवि सम्मेलन में श्री अशोक धनकर, प्रो नरेंद्र कुमार सिंह बोर्ड ऑफ ट्रस्टी, अभिमन्यु प्रताप सिंह,आकाश कुमार के साथ शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के कई अधिकारी मौजूद थें।
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