एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली को मई में लांच करने का निर्देश.jpeg)
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- बीएसपीएचसीएल के सीएमडी श्री पंकज कुमार पाल ने की समीक्षा बैठक
पटना, 25 मार्च। बिहार में बिजली उपभोक्ताओं की समस्या के समाधान के लिए एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली को मई में लांच किया जाएगा। यह निर्देश बीएसपीएचसीएल के सीएमडी श्री पंकज कुमार पाल ने विद्युत भवन में एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली से जुड़े अधिकारियों की एक विशेष बैठक में दिया है। इस बैठक में एसबीपीडीसीएल के एमडी श्री महेंद्र कुमार के साथ साथ दोनों वितरण कंपनियों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
श्री पंकज कुमार पाल ने निर्देश देते हुए कहा कि एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली को मई में लांच किया जाये। इसे पूरी तैयारी के साथ लांच किया जाये। यह सुनिश्चित किया जाये कि इसमें किसी तरह की त्रुटि की कोई गुंजाईश नहीं रहे।
एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली के तहत उपभोक्ताओं की शिकायतों को विभिन्न माध्यमों जैसे ईमेल, व्हाट्सऐप, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, 1912, ऑनलाइन, चाहे वे किसी भी माध्यम से क्यों ना आ रही हों, एक जगह एकत्रित करने की व्यवस्था की जा रही है। इससे यह पता लगाना आसान होगा कि उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान तेजी से हो रहा है या नहीं। इसके संचालन के बाद अपनी विद्युत संबंधी समस्या को लेकर उपभोक्ताओं को परेशान होना नहीं पड़ेगा।
एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली के जरिये उपभोक्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखकर कई स्तर पर कार्य किए जाएंगे। ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल आधारित ऐप के जरिये प्राप्त डेटा के आधार पर यह पता लगाना आसान होगा कि किसी शिकायत के निवारण में देर क्यों हो रही है और इसके लिए कौन व्यक्ति जिम्मेदार है। पोर्टल और ऐप का इस्तेमाल संबंधित हितधारकों और उपभोक्ताओं के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए भी किया जाएगा।
इसका लक्ष्य उपभोक्ताओं तक निर्बाध बिजली की आपूर्ति करने के लिए पूरी पारदर्शिता के साथ बिजली वितरण प्रणाली का प्रभावशाली निरीक्षण और रखरखाव सुनिश्चित करना है।एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली के तहत एआई आधारित चैट बोट वाइस बोट का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें अंग्रेजी और हिन्दी के साथ साथ क्षेत्रिए भाषाओं जैसे मैथिली, भोजपुरी, मगही, अंगिका आदि का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। उपभोक्ता अपनी स्थानीय भाषा में इसका उपयोग कर सकेंगे। इसमें स्पीच से टेक्स्ट और टेक्सट से स्पीच की भी सुविधा होगी। इसमें खासतौर से इंटरएक्टिव व्हाइस रिसपॉन्स सिस्टम (आईवीआरएस) का निर्माण किया जा रहा है। इसके तहत हिन्दी, अंग्रेजी सहित स्थानीय भाषाओं में उपभोक्ताओं के सवालों का जवाब दिया जाएगा, उनसे संवाद किया जाएगा।
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