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गोरैयों की पहचान और बचाव करेगा ‘सेव बिहार गोरैया ऐप’

गोरैयों की पहचान और बचाव करेगा ‘सेव बिहार गोरैया ऐप’

  • पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ सुनील कुमार ने किया गौरैया बिहार का ऐप लांच 
  • विलुप्तप्राय पक्षी को बचाने की हो रही कवायद

विश्व गोरैया दिवस के मौके पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ सुनील कुमार ने ‘द गौरैया बिहार’ मोबाइल ऐप का लांच किया। इस ऐप में आम लोग गोरैया की जियो टैग फोटो खींच कर अपलोड करेंगे। एकत्र किए गए इस डाटा के आधार पर इसका डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इस डाटाबेस से एक मैप तैयार किया जाएगा, जिससे ये पता लगाना आसान हो जाएगा कि किस जगह में सबसे ज्यादा गौरैया पाई जा रही है। और कितनी बढ़़ोतरी हुई है।

पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान (चिड़ियाघर) में गुरुवार को विश्व गोरैया दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दिवस का आयोजन शहरी परिवेश में गुम होती जा रही गोरैया के बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है। इस मौके पर बच्चों ने नुक्कड़ नाटक ‘फुदकी की ये पुकार, फुदकी चाहे प्यार’ के माध्यम से गौरैया के महत्व उसकी विलुप्ति के कारण और घर वापसी के उपाय बताए।

मंत्री ने बताया कि 2010 से विश्व गोरैया दिवस के रूप में मनाया जाने लगा है। इन्होंने कहा कि जबतक हम हरित बिहार नहीं बनाएंगे तबतक गोरैया को बचाने की कल्पना नहीं की जा सकती। इस ऐप से गौरैया को चिन्हित करने, बचाने और जनसंख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने हर रविवार एक घंटे पर्यावरण को देने की अपील की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2028 तक 17 प्रतिशत हरित बिहार बनाएंगे। विभागीय सचिव वंदना प्रेयषी ने कहा कि गोरैया हमारा राजकीय पक्षी है। ये हमारी समाज, पर्यावरण और विभाग के लिए कितनी जरूरी है। हमारा प्रयास है कि हमारी ओर से लगाए गए घोंसलों में अगर 50 प्रतिशत भी घोंसलों में भी गौरैया वापस आती है, तो हमारा अभियान सफल होगा। इस ऐप के माध्यम से हमें गौरैयों की जनसंख्या बढ़ाने में आसानी होगी। साथ ही उन्होंने विभाग की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि हमारे इस वित्तीय वर्ष 2024-2025 के वृक्षारोपण का लक्ष्य 4.5 करोड़ था, जिसमें हमने अबतक 4 करोड़ पौधे लगा लिए और लगाने की प्रक्रिया अभी जारी है।
इस मौके पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक हॉफ पीके गुप्ता, पटना जू के निदेशक हेमंत पाटिल, सीडब्लूएलडब्लू अवरिंदर सिंह, सत्यजीत कुमार, एस चंद्रशेखर सहित विभाग के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
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