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कई शुभ योगों में होगा हिंदू नववर्ष और नवरात्रि पर्व का शुभारंभ:-ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री

कई शुभ योगों में होगा हिंदू नववर्ष और नवरात्रि पर्व का शुभारंभ:-ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री

✍🏻चैत्र माह शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवरात्रि पर्व का शुभारंभ होता है, घर में कलश स्थापन के साथ धार्मिक अनुष्ठान, श्रीदुर्गासप्तशती का पाठ व साधक और उपासक उपवास करते हैं ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि इस वर्ष चैत्र नवरात्र दुर्गा पूजा का शुभारंभ 30 मार्च 2025 रविवार से हो रहा है, इस दिन से हिंदू नववर्ष विक्रम संवत का आरंभ भी होगा। इस बार का संवत्सर 2082 होगा और इसका नाम भी सिद्धार्थी संवत होगा। इस दिन सर्वार्थ अमृत सिद्धियोग का शुभ संयोग बन रहा है। चैत्र नवरात्रि और हिन्दू नववर्ष के आरंभ के समय मीन राशि में 6 ग्रहों का योग बन रहा है l सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र, शनि और राहु सभी 6 ग्रह एक साथ मीन राशि में गोचर करेंगे l दैनिक योगों में ऐंद्र योग रात्री 7:40 तक रहेगा। सर्वार्थसिद्धियोग प्रातः 6:14 के बाद से आरंभ होगा। यायिजययोग दिन में 2:14 तक रहेगा। इन योगों में ही हिन्दू नववर्ष 2082 का आरंभ और नवरात्रि का कलश स्थापन होगा।
*सूर्य देव ही होंगे राजा और मंत्री-*
ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि रविवार से नववर्ष का आरंभ होने से इस वर्ष के राजा सूर्य देव होंगे नवग्रहों के मंत्री मंडल में वर्ष के मंत्री का भी पद सूर्य को ही प्राप्त हुआ है, हिंदू नववर्ष में अन्न-धन, खनिज व धातु के स्वामी बुध होंगे। खाद्य पदार्थों के स्वामी मंगल होंगे। रसेश शुक्र ग्रह रहेंगे।
*पहले दिन 6 ग्रहों का होगा शुभ संजोग*
ज्योतिषाचार्य पं.नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि नव संवत् और नवरात्र के पहले दिन ही मीन राशि में सूर्य देव के साथ चंद्रमा, शनि, बुध, शुक्र, राहु एक साथ विद्यमान रहेंगे। जिससे छहग्रही योग का निर्माण होता है, साथ ही इस दिन बुधादित्य और मालव्य राजयोग भी बना रहे हैं। आठ दिन के नवरात्रि के महापर्व के दौरान चार दिन रवि योग तथा तीन दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग रहेगा। *माता के हाथी पर सवार होकर आना बहुत ही शुभ माना जा रहा है* क्योंकि हाथी को सुख-समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है।
हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। नवरात्रि का त्योहार मां दुर्गा को समर्पित है। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा का विधान है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना या घटस्थापना की जाती है।
*"ज्योतिष शास्त्र, वास्तुशास्त्र, वैदिक अनुष्ठान व समस्त धार्मिक कार्यो के लिए संपर्क करें:-**✍🏻ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री मो.- 9993652408, 7828289428 Phone Pe, Google Pay, No.- 9993652408*
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