दिल्ली में धूमधाम से मनाया गया बिहार दिवस, दिल्ली हाट में लगा भव्य मेला

- 16 March से 31 मार्च तक मनाया जा रहा है बिहार उत्सव
- 1912 मे हुई थी बिहार राज्य की स्थापना
बिहार दिवस के अवसर पर राजधानी दिल्ली के आईएनए स्थित दिल्ली हाट में बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और हस्तशिल्प के रंगारंग कार्यक्रमों के साथ भव्य आयोजन किया गया। 22 मार्च 1912 को बिहार को बंगाल प्रांत से अलग कर नया प्रांत बनाए जाने की स्मृति में हर वर्ष बिहार दिवस मनाया जाता है।

उद्योग विभाग की सचिव श्रीमती बन्दना प्रेयशी ने कहा, "113 वर्ष पहले बिहार राज्य की स्थापना की गई थीं। तब से हम ये उत्सव मना रहे हैं। हम सब मिल कर बिहार की एक नई तस्वीर पेश करना चाह रहे हैं। बिहार बस मधुबनी पेंटिंग नहीं है, भागलपुर का सिल्क नहीं है, लीची नहीं है, बल्कि बिहार अब निवेश का भी केंद्र बनता जा रहा है।”
बिहार सरकार के रेजिडेंट कमिश्नर श्री कुंदन कुमार ने प्रवासी बिहारवासियों से आह्वान किया कि वे बिहार से जुड़ें और राज्य के विकास में भागीदार बनें। उन्होंने कहा, "बिहार फाउंडेशन 'Bonding, Branding और Business' के मूल मंत्र के साथ सभी प्रवासी बिहारवासियों से जुड़ने का आह्वान करता है। आइए, मिलकर परस्पर समृद्धि के नए रास्ते खोलें और अपने बिहार से अपने रिश्ते को और सशक्त बनाएं।"

तकनीकी विकास निदेशक श्री शेखर आनंद ने कहा, "यहां प्रदर्शित प्रत्येक कलाकृति बिहार के शिल्प और सांस्कृतिक धरोहर की कहानी कहती है। हमारे कारीगर न केवल इतिहास को संजोए हुए हैं बल्कि भविष्य का भी निर्माण कर रहे हैं।"
बिहार उत्सव 2025 के तहत एक विशेष सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें बिहार के प्रसिद्ध कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम में श्रीमती मनीषा झा द्वारा भरतनाट्यम, नालंदा संगीत कला विकास संस्थान द्वारा लोक नृत्य, डॉ. सुष्मिता झा द्वारा लोक संगीत, डॉ. नलिनी जोशी द्वारा शास्त्रीय गायन, श्रीमती रेखा झा द्वारा लोक एवं पार्श्व गायन तथा गोस्वामी आराध्य गिरी (लूसी भारत) द्वारा लोक संगीत की प्रस्तुतियां शामिल रहीं। इन कलाकारों की उत्कृष्ट प्रस्तुतियों ने बिहार दिवस समारोह को अविस्मरणीय बना दिया।
बिहार उत्सव 16 मार्च से 31 मार्च 2025 तक दिल्ली हाट, आईएनए में आयोजित किया जा रहा है। दिल्ली और आसपास के सभी नागरिकों से आग्रह है कि वे दिल्ली हाट पधारें और बिहार की पारंपरिक कला, शिल्प और सांस्कृतिक विरासत का आनंद लें।
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