इलेक्ट्रिक साइकिल से व्यवसाय को मिली रफ़्तार , जीविका दीदियों के स्वरोजगार को मिली उडान


इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य हैं :-.
स्वयं सहायता समूहों की ग्रामीण महिलाओं को आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देना|
सतत परिवहन के माध्यम से महिलाओं की सामाजिक.आर्थिक स्थिति में सुधा
- ग्रामीण क्षेत्रों में भीड़.भाड़ को कम करके हरित गतिशीलता को बढ़ावा देना|
इलेक्ट्रिक साइकिलचलाने के लिए लाभार्थीयों कोसाइकिलचलाने और रख.रखाव हेतु प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है द्यप्रारंभ में 50 साइकिलसाइकिल प्राप्त जीविका दीदियों को एनर्जी चैम्पियन नाम दिया गया है स
जीविकाएभारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान. मुंबईए कन्वर्जेन्स एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड एवं पीसीआई ;प्रोजेक्ट कंसर्न्ड इंटरनेशनलद्धए इंडिया के संयुक्त प्रयास से इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रसर ग्रामीण महिला उद्यमियों को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने की पहल है |
इलेक्ट्रिक साइकिल को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसे चलाना बेहद आसान हो और इसे चार्ज करने में ज्यादा खर्च न आए। इलेक्ट्रिक साइकिल में जीण्पीण्एस और आई .ओटीप्लग लगाया गया है। इससे न केवल साइकिल से यात्रासुरक्षित होगीबल्कि चालक को रास्तों की सटीक जानकारी भी मिलेगी। जीण्पीण्एस होने से साइकिल चोरी होने की भी संभावना भी कम रहेगी|
जीविका की इस पहल के तहत माननीय मुख्यमंत्रीए बिहार श्री नीतीश कुमार जी के द्वारा तीन जिलों वैशालीए मुजफ्फरपुर एवं पटना की 500 जीविका दीदियों कोसाइकिलप्रदान किया गया है स जिसमे वैशाली की 150एमुजफ्फरपुर की 150 और पटना की 200 जीविका दीदियों को इलेक्ट्रिक साइकिल दिया गया है सइलेक्ट्रिक साइकिल का संचालन करते हुए जीविका दीदियाँ अपने आय में अतिरिक्त बढ़ोतरी कर रही हैं स साइकिलको स्वरोजगार से जोड़ने से महिला सशक्तिकरण एवं स्वावलंबन को रफ़्तार भी मिलने लगा है स
वैशाली जिला अंतर्गत हाजीपुर प्रखंड के दौलतपुर देवरिया गाँव की पिंकी देवी मशरुम उत्पादन एवं बिक्री से जुडी हैं सइस व्यवसाय के लिए अक्सर गाँव से शहर समेत अन्यत्र स्थानों पर आने. जाने के लिए वहां का किराया देने पड़ता था स लेकिन अब इलेक्ट्रिक साइकिलसे आवागमन सुलभ हो गया है ससमय और पैसे की भी बचत हो रही है सकैरम बोर्ड व्यवसाय से जुडी किरण देवीए किराना दुकान चलाने वाली माला कुमारी एवं कपडे सिलाई का व्यवसाय करने वाली सीमा देवी को भी इलेक्ट्रिक साइकिल मिलने से उनके जीविकोपार्जन गतिविधि को नई दिशा मिल गयी है द्य अब वे आस.पास के गाँव में घूमकर भी अपने उत्पाद को बेच रही हैं सआवागमन इलेक्ट्रिकसाइकिलसे होने से उनके व्यवसाय को गति मिली है और बचत भी हो रहा है |
इस प्रकार स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद जीविका दीदियाँ स्वावलंबन की राह पर चलते हुए अपने और अपने परिवार के जीवन में खुशहाली ला रही हैं द्यउनके स्वावलंबन एवं सशक्तिकरण ने गाँव.समाज एवं समुदाय पर भी सकारात्मक प्रभाव डाला हैसबहरहाल महिलाओं को सशक्त बनाने और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देने का जीविका का मकसद अपनी दिशा की और बढ़ रहा है |
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