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जय जय महाकाल

जय जय महाकाल 


तन से मन से शिव भजो, शंकर सबको प्यारा है। 
भोलेनाथ महादानी, सिर पर बहती गंगा धारा है। 
जय जय महाकाल, जय जय महाकाल 

हर हर महादेव शंकर, ओघड़़दानी है लखदातार। 
हर लेते पीर सदाशिव, सबका करते हैं बेड़ा पार। 
डमरूधारी चंद्रधारी, जटाधर करे नंदी की सवारी। 
आदि अनादि शिवशंकर, भूतनाथ बाघाम्बरधारी। 
गले लपेटे सर्पों की माला,नटराज तांडव प्यारा है। 
त्रिपुरारी त्रिशूल धारी,कैलाशपति हर रखवारा है। 
जय जय महाकाल, जय जय महाकाल 

नीलकंठ श्रीकंठ विश्वनाथ, शिवाप्रिये शशिशेखर।
कृपा निधि परमात्मा, परमपिता पशुपति महेश्वर। 
प्रजापति गणनाथ, भक्त वत्सल सबके भगवान।
व्योमकेश अनंत सर्वेसर्वज्ञ, सब सुखों के निधान। 
पाश विमोचन पालनहारा, जग का तारणहारा है। 
भूतनाथ कालों का काल है, देवाधिदेव हमारा है।
जय जय महाकाल,जय जय महाकाल 

रमाकांत सोनी सुदर्शन 

नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान 

रचना सरस्वती मौलिक है
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