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रंगो से प्रेम

रंगो से प्रेम

प्रेम मोहब्बत से भरा,
ये रंगों त्यौहार है।
जिसमें राधा कृष्ण का
जिक्र बेसुमार है।
तभी तो आज तक
अपनो में स्नेह प्यार है।
इसलिए रंगों के त्यौहार को,
मनाते हर मजहब के लोग।।


होली आपसी भाईचारे
और प्रेमभाव को दर्शाती है।
और सात रंगों की फुहार से,
सात फेरो का रिश्ता निभाती है।
साथ ही ऊँच नीच का
भेद मिटाती है।
और हृदय में सभी के
भाई चारे का रंग चढ़ती है।।


सात रंगो के ये रंग-बिरंगे
रंग सभी को भाते है।
और अपनो के दिलो से
कड़वाहट मिटाते है।
रंगो में रंग मिलकर
नये रंग बन जाते है।
आपस में रंग लगाकर
नये नये दोस्त बनाते है।
और नये भारत का निर्माण
मिल जुलकर करते है।।


जय जिनेन्द्र


संजय जैन "बीना" मुम्बई



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