अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता और प्रभावशाली प्रयास: प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीतिक सफलताएं

- यूक्रेन में परमाणु संघर्ष को रोकना
पोलैंड के उप-विदेश मंत्री व्लादिस्लाव टेओफिल बार्टोस्ज़ेव्स्की ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को वर्तमान में जारी रूस-यूक्रेन संघर्ष में सामरिक परमाणु हथियारों का उपयोग न करने के लिए राजी करने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वपूर्ण कूटनीतिक हस्तक्षेप को स्वीकार किया। यह वैश्विक शांति प्रयासों में एक प्रमुख मध्यस्थ के रूप में भारत की भूमिका को दर्शाता है। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी की वारसॉ यात्रा बहुत शानदार रही। प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को सामरिक परमाणु हथियारों का उपयोग न करने के लिए राजी किया। हम स्थायी शांति चाहते हैं। हम यूक्रेन में स्थिर और दीर्घकालिक शांति चाहते हैं।" राष्ट्रपति पुतिन ने स्वयं भारत के कूटनीतिक प्रयासों को मान्यता दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सहित प्रमुख वैश्विक नेता इस शत्रुता को समाप्त करने में अपना समय और प्रयास दोनों दे रहे हैं साथ ही अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष के समाधान में भारत का प्रभाव भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, "हम सभी के पास अपने घरेलू मामले निपटाने के लिए बहुत कुछ है लेकिन कई देशों के नेता, जिनमें भारत के प्रधानमंत्री भी शामिल हैं, इस मुद्दे पर ध्यान देने के साथ-साथ इस मामले पर अपना काफी समय भी दे रहे हैं। हम उन सभी के आभारी हैं।"
- वैश्विक तनाव के बीच भारत-रूस संबंधों को मजबूत करना
रूस के साथ भारत के संबंध लगातार परिपुष्ट हो रहे हैं, राष्ट्रपति पुतिन ने इसे "खासतौर पर विशेषाधिकार प्राप्त" बताया है। वर्तमान में जारी युद्ध के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की यूक्रेन यात्रा ने भारत के तटस्थ रुख और शांति के मामले में प्रतिबद्धता को और मजबूत किया। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने भारत को संघर्ष को हल करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए एक शिखर सम्मेलन आयोजित करने का सुझाव भी दिया, जो भारत के बढ़ते वैश्विक कूटनीतिक कद को दर्शाता है।
- 26/11 के आतंकी आरोपी तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण
प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की कि संयुक्त राज्य अमेरिका 2008 के मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा का भारत में प्रत्यार्पण किया जाएगा। राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा, "हम एक बहुत ही खतरनाक व्यक्ति को भारत को सौंप रहे हैं, जो 26/11 के मुंबई आतंकी हमले का आरोपी है।"
- अनुच्छेद 370: भारत के निर्णय को वैश्विक समर्थन
भारत द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने के पाकिस्तान के प्रयासों के बावजूद, सऊदी अरब ने भारत के इस कदम का समर्थन किया, जिससे दोनों देशों के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों का पता चलता है। इस निर्णय के शीघ्र बाद, भारत और सऊदी अरब ने 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए। यूएई ने भी भारत का समर्थन करते हुए, इसे आंतरिक मामला बताया और क्षेत्रीय स्थिरता की आशा व्यक्त की। रूस, इजरायल, बहरीन और ईरान ने भारत के निर्णय का समर्थन किया, जिससे भारत की कूटनीतिक क्षमता में वृद्धि हुई।
भारत के आतंकवाद-विरोधी हमलों को अंतरराष्ट्रीय समर्थन
भारत के आतंकवाद के खिलाफ किये गये सर्जिकल हमलों को व्यापक अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला:
जापान: जापान ने सभी रूपों में आतंकवाद की निंदा करते हुए इस बात की पुष्टि की कि आतंकवाद का कोई भी कृत्य उचित नहीं है। जापान ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की।
जर्मनी: भारत के लिए पूर्ण समर्थन की घोषणा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का आग्रह किया।
यूएई: भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की और आतंकवाद विरोधी सभी प्रयासों का समर्थन किया।
रूस: भारत की आतंकवाद विरोधी पहलों के लिए अपने निरंतर समर्थन की पुष्टि की।
जी-20 नई दिल्ली घोषणा
भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान, रूस-यूक्रेन संघर्ष ने अंतिम विज्ञप्ति में आम सहमति का समर्थन न करने की धमकी दी। हालांकि, रणनीतिक वार्ता के माध्यम से, जिसमें 300 द्विपक्षीय बैठकें, 200 घंटे की चर्चाएं और 15 मसौदे शामिल हैं, भारत ने सदस्य देशों को आम सहमति के स्तर तक सफलतापूर्वक पहुंचा दिया। इससे वैश्विक मंच पर भारत की कूटनीतिक क्षमता मजबूत हुई।
कतर से भारतीय नौसेना कर्मियों की रिहाई
कतर में मृत्यु दंड का सामना कर रहे आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को भारत सरकार द्वारा उच्च-स्तरीय राजनयिक हस्तक्षेप के बाद रिहा कर दिया गया। इस घटना ने खाड़ी क्षेत्र में भारत के बढ़ते प्रभाव और विदेशों में अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की उसकी क्षमता को रेखांकित किया।
मानवीय और बचाव अभियान
भारत ने वैश्विक स्थिरता के मामले में अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए कई सफल सुरक्षित निकासी और मानवीय सहायता अभियानों का संचालन किया हैं:
ऑपरेशन गंगा: रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला।
ऑपरेशन देवी शक्ति: तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान से भारतीयों को निकालने में सहायता की।
ऑपरेशन कावेरी: युद्धग्रस्त सूडान से भारतीय नागरिकों को बचाया।
ऑपरेशन समुद्र सेतु: कोविड-19 महामारी के दौरान विदेशों में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाया गया।
ऑपरेशन अजय: इजरायल-हमास संघर्ष के दौरान इजरायल में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए इसकी शुरुआत की गई।
अंतर्राष्ट्रीय मानवीय सहायता और चिकित्सा कूटनीति
वैक्सीन मैत्री: भारत ने 100 से अधिक देशों को कोविड-19 टीके की आपूर्ति की, जिससे वैश्विक स्वास्थ्य कूटनीति में उसका नेतृत्व मजबूत हुआ।
ऑपरेशन दोस्त: विनाशकारी भूकंप के बाद तुर्की और सीरिया को आपदा राहत प्रदान की।
ऑपरेशन सद्भाव: संकट में पड़ोसी देशों को चिकित्सा और मानवीय सहायता प्रदान की।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, भारत एक मजबूत वैश्विक कूटनीतिक शक्ति के रूप में उभरा है। चाहे संघर्ष मध्यस्थता हो, आतंकवाद विरोधी प्रयास हो या मानवीय मिशन, भारत की सक्रिय कूटनीति अपनी वैश्विक स्थिति को बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय गठबंधनों को मजबूत करने के लिए निरंतर रूप से जारी है।
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