होली के रंग, अपनों के संग
प्रीत पथ अप्रतिम श्रृंगारित,नयनन खोज निज संबंध ।
उर सिंधु अपनत्व प्रवाह,
पुलकित गर्वित जीवन स्कंध ।
उत्सविक आह्लाद चरम बिंदु,
मंगल कामना परिवेश उत्संग ।
होली के रंग,अपनों के संग ।।
चरण वंदन आशीष वृष्टि,
सम वय मध्य हास्य परिहास ।
परिवार समाज राष्ट्र अंतर,
समता समानता हर्ष उल्लास ।
गुलाल अबीर रंग माध्य साध्य,
मुख प्रभा अथाह उत्साह उमंग ।
होली के रंग,अपनों के संग ।।
लाल वर्ण ऊर्जा उपवन,
हरित सदा प्रकृति स्नेही ।
नारी काया भूषण प्रियल,
पित उपासना घर द्वार गेही ।
नारंगी मिलनसारिता धारी,
गुलाबी प्रेम खुशी दया कंग ।
होली के रंग,अपनों के संग ।।
नील मंडल आध्यात्म ओज,
उज्ज्वल भविष्य राह बैंगनी ।
श्वेत शांति कृष्ण लालित्य संयमी,
केसरिया उर राष्ट्रभक्ति रागिनी ।
सर्व वर्ण सुख वैभव आनंद पुंज,
जीवन पथ नित मस्त मलंग ।
होली के रंग,अपनों के संग।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना )
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