सौर ऊर्जा से किसानों को मिलेगी बिजली, पटवन के लिए बने विशेष फीडरों को मिलेगी अक्षय ऊर्जा.jpg)
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- किसान फीडर स्थापित करने के तीसरे चरण में 1200 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन कर इनसे ऊर्जान्वित होंगे फीडर
- 3 हजार डेडीकेटेड कृषि फीडर में 2500 का हो चुका निर्माण
- बचे हुए कृषि फीडर और 2 लाख 85 हजार किसानों को इस वर्ष जून तक मिल जाएगा लाभ
राज्य सरकार सभी किसानों को डेडीकेटेड फीडर से कृषि कार्य के लिए बिजली मुहैया करा रही है। अब किसानों को मिलने वाली यह बिजली सौर ऊर्जा या अक्षय ऊर्जा से प्रदान की जाएगी। इस योजना के तीसरे चरण में 1200 मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा संयंत्र के माध्यम से फीडरों को ऊर्जान्वित किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार पहले ही इस सूर्य ऊर्जा को अक्षय ऊर्जा बताते हुए इसे विकसित करने के लिए विस्तृत प्रयास करने के निर्देश दे चुके हैं। वे इसे असली ऊर्जा बताते हुए 2019 में शुरू किए गए जल जीवन हरियाली योजना के 11 कार्य योजना में इसे शामिल कर चुके हैं।
इसके मद्देनजर ऊर्जा विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। वर्तमान में किसानों को डीडीकेडेट फीडरों से मिलने वाली सभी बिजली थर्मल ऊर्जा प्लांट से मुहैया कराई जाती है। यह बिजली काफी महंगी पड़ती है। इसका विकल्प राज्य सरकार अक्षय ऊर्जा के माध्यम से तलाश कर रही है।
सरकार ने कृषि फीडरों के सोलराइजेशन यानी सूर्य से ऊर्जा प्रदान करने का निर्णय लिया है। ताकि दिन में ही किसानों को सूर्य ऊर्जा के माध्यम से बिजली पैदा कर दिन में ही इसे उपलब्ध करा दिया जाए। इससे किसानों को रात में सिंचाई के लिए अतिरिक्त मेहनत नहीं करनी पड़े। तृतीय चरण की इस योजना के लिए निविदा प्रकाशित कर दी गई है। सूचना एवं जन संपर्क विभाग की तरफ से जल्द ही इसका प्रकाशन सभी समाचार पत्रों में कराया जाएगा।
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव:- ने कहा कि कहा कि सौर ऊर्जा की मदद से कृषि फीडरों को बिजली मुहैया कराने से किसानों को निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने में काफी मदद मिलेगी। इससे बिजली की दर पर अभी दी जा रही सब्सिडी में थोड़ी कमी आएगी। राज्य में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने में सहायता होगी।
प्रदेश के मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा:- ने कहा कि राज्य की भविष्य में बढ़ती हुई ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए यह सबसे महत्वपूर्ण पहल है। कृषि फीडरों का सोलराइजेशन करने से सुखाड़ जैसी परिस्थितियों से सामना करने में बेहद सहूलियत होगी। दूसरे चरण में 112 कंपनियां निविदा में हिस्सा ले रही हैं। इसमें निवेश से भविष्य में निवेशकों को भी टिकाऊ रिटर्न मिलेगा।
जून तक सभी बचे सभी किसानों को मिलने लगेगा लाभ
इस वर्ष जून तक राज्य के सभी किसानों को पटवन समेत अन्य कृषि कार्यों के लिए डेडीकेटेड फीडर से बिजली मिलने लगेगी। राज्य में ऐसे तीन हजार फीडरों की आवश्यकता है, जिसमें अभी ढाई हजार तैयार हो गए हैं। जून तक बचे हुए लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाएगा। इसके अलावा सूबे के 2 लाख 85 हजार किसान ऐसे हैं, जिनके आवेदन आने के बाद उन्हें कृषि कनेक्श अभी नहीं दिया जा सका है। मुख्यमंत्री के विशेष निर्देश पर जून 2025 तक बचे हुए सभी किसानों को कृषि कनेक्शन मुहैया करा दिया जाएगा। इस पर बिजली महकमा खास तौर से काम शुरू कर दिया है।
5.55 लाख किसानों को मिला कनेक्शन
राज्य के कृषि फीडरों से अब तक 5 लाख 55 हजार किसानों को मुख्यमंत्री कृषि पम्प विद्युत कनेक्शन योजना के अंतर्गत कनेक्शन दिए जा चुके है। शेष किसानों को इस वर्ष के अंत तक कनेक्शन दे दिया जाएगा।
अभी 3970 करोड़ की सब्सिडी दे रही सरकार
राज्य में 8 हजार मेगावाट बिजली की खपत होती है, जिसमें 1150 मेगावाट बिजली सिंचाई के लिए किसानों को उपलब्ध कराई जाती है। वर्तमान में यह बिजली थर्मल पॉवर प्लांटों से सामान्य रूप से 6 रुपए 74 पैसे की दर से खरीदकर किसानों को 0.55 रुपए की दर से किसानों को उपलब्ध कराई जाती है। इस पर औसतन सालाना 3970 करोड़ रुपए की सब्सिडी सरकार की तरफ से मुहैया कराई जाती है।
पहले चरण में बनाए गए 1235 फीडर
राज्य में पहले चरण के तहत 843 पॉवर सब स्टेशन से 1235 डेडीकेटेड फीडर बनाए गए हैं। इसमें 800 मेगावाट के डेवलपर के चयन के लिए निविदा आमंत्रित की गई है। विनिमयक आयोग से स्वीकृति प्राप्त कर 3 एजेंसी को 6 पॉवर सब स्टेशन के 8 फीडरों के सोलराइजेशन के लिए 17.85 मेगावाट ऊर्जा विकसित करने के लिए कार्यालय आदेश जारी करते हुए पॉवर परचेज एग्रीमेंट कर लिया गया है।
दूसरे चरण के लिए आमंत्रित की गई निविदा
योजना के दूसरे चरण के लिए निविदा आमंत्रित की गई है। इसमें 1121 सब स्टेशन के 3681 फीडरों (कृषि लोड वाले और डेडीकेटेड दोनों) 1600 मेगावाट की शौर्य ऊर्जा संयंत्र के माध्यम से ऊर्जान्वित किया जाएगा।
अब तक 180 मेगावाट की सौर परियोजनाएं हो चुकी स्थापित
राज्य में अब तक 180 मेगावाट सौर परियोजनाओं की शुरुआत हो चुकी है। दरभंगा एवं सुपौल में फ्लोटिंग सोलर परियोजना का निर्माण किया गया है। फुलवरिया, रजौली में भी एक फ्लोटिंग सोलर परियोजना पर कार्य किया जा रहा है। ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉफ योजना के तहत 9821 सरकारी भवनों की छतों पर 91 मेगावाट सोलर रूफटॉफ पावर प्लान्ट का अधिष्ठापन किया जा चुका है। ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉफ योजना के तहत 5182 निजी भवनों की छतों पर 18.43 मेगावाट सोलर रूफटॉफ पावर प्लान्ट का अधिष्ठापन किया जा चुका है। राज्य के सभी पंचायतों में मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाईट योजना के तहत सोलर स्ट्रीट लाईटे लगाई जा चुकी है।
*डीजल से 10 गुना अधिक सस्ती बिजली* राज्य सरकार की तरफ से किसानों को बिजली बिल पर 92 प्रतिशत से अधिक सब्सिडी दी जा रही है। यह डीजल की तुलना में 10 गुणा से भी अधिक सस्ती पड़ रही है। सिंचाई के लिए राज्य के किसानों को निशुल्क विद्युत कनेक्शन के साथ ही बिना किसी बाधा के निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति से कृषि औद्योगिकरण को भी तेजी से बढ़ावा मिल रहा है। अब तक राज्य में 5.60 लाख से अधिक किसानों को इस अनुदानित बिजली का लाभ मिल चुका है।
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