Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

रंग बिरंगी होली

रंग बिरंगी होली

चारों तरफ रंग ही रंग है
मौज मस्ती का दौर है।
लगता यारो होली का
त्यौहार आ गया।
इसमें क्या छोटे क्या बड़े
सबके चेहरे रंगो से रंगे।
जो खुशीयों और उमंग से सबके चेहरे खिला रहे।।


गिले शिकवे और शिकायतें
जो भी हो वो भूल जाते है।
रंगों के इस त्यौहार पर
दुश्मनों को भी गले लगते है।
अपना स्नेह प्यार सभी पर
दिल से बहुत लुटाते है।
और राधा कृष्ण की जोड़ी
जैसे स्वयं को दिखाते है।।


राधा का है रंग और
कृष्ण की है पिचकारी।
लगता है रंग अंग पर
तो अंग खिल उठता है।
और अंग अंग फूलों की
तरह से खिल उठता है।
जो प्यार मोहब्बत को
दिलों में जगा देता है।।


जय जिनेंद्र

संजय जैन "बीना" मुंबई


हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ