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संस्कार सोलह दिए विश्व को ...

संस्कार सोलह दिए विश्व को ...

संस्कार सोलह दिए विश्व को वह पुण्य भारत देश है।
उत्कृष्ट भाषा संस्कृति और उत्कृष्ट जिसका वेश है ।।
गर्भाधान क्रिया है वह जिसमें बीज का आधान हो।
माता-पिता हों स्वस्थ, विद्यावान और बलवान हों।। 1 ।।


गर्भस्थिति के ज्ञान पर संस्कार होता पुंसवन।
पुरुषत्व के लाभ हेतु तीसरे माह में होता चयन ।।
युक्त आहार और विहार का संयम बनाए स्त्री।
गिलोय ब्राह्मी औषधि सूंठी को खाये नित्य ही ।।2।।

अधिक शयन अधिक भाषण से दूरी बनानी चाहिए।
अधिक खारा खट्टा कड़वा न थाली में आना चाहिए।।
आहार सूक्ष्म ही करे, सदा क्रोध और लोभादि से बचे ।
चित्त को प्रसन्न रखे और कभी व्यसनों में ना फंसे ।। 3 ।।

सीमन्तोन्नयन के नाम से हम संस्कार करते तीसरा।
चौथे माह का शुक्ल पक्ष नक्षत्र मूल का हो चंद्रमा ।।
छठे आठवें माह में यथावत इसको करो अनिवार्य ।
वेदोक्त रीति से किये पर सारी संतान होगी आर्य ।। 4।।

जात कर्म प्रसव काल में करो विधि और विधान से।
जैसा ऋषियों ने कहा वैसा होना चाहिए पूर्ण ज्ञान से ।।
जन्म से दस दिन छोड़कर बच्चे को नाम दीजिए।
घर में इष्ट मित्र बुलाइए और यज्ञ मन से कीजिए ।। 5 ।।

निष्क्रमण-संस्कार आता जब लगे चौथा माह।
तब स्थान शुद्ध खोजिए और तुम ढूंढिए ताजी हवा ।।
ध्यान रखिए-वहाँ शुद्धता और स्वच्छता भरपूर हो।
प्रदूषित परिवेश और वायु जन्मे बच्चे से कोसों दूर हो ।। 6 ।।

लगे छठा माह शिशु को तब अन्नप्राशन कीजिए।
घृत युक्त भात दही उसमें शहद मिला कर दीजिए ।।
जन्म के एक वर्ष पश्चात् शिशु का केशछेदन कीजिए।
पश्चात् इसके यथाविधि हमें कर्णवेध करना चाहिए ।। 7 ।।

वर्ण के अनुकूल अवस्था देख उपनयन भी कीजिए।
यज्ञोपवीत का संकल्प अपने मन-वचन में लीजिए ।।
नित्य वेदों का पठन नियम से सांगोपांग होना चाहिए।
मन में वेदारम्भ संस्कार का दृढ़ संकल्प होना चाहिए ।। 8 ।।

विद्यास्नातक-ब्रह्मचर्यव्रत और द्विज ब्रह्मतेज युक्त हो।
प्रियजन सभी स्वागत करें समयानुसार जो उपयुक्त हो ।।
समावर्तन के पश्चात् विवाह का संस्कार निश्चित है किया।
सद्‌गृहस्थ को ही सब वर्णों में उत्कृष्ट घोषित किया ।।9।।

उत्कृष्ट जीवन भोग कर हम आनंद को अनुभव करें ।
उत्कृष्टावस्था मोक्ष को पाने का प्रयत्न हरसम्भव करें ।।
वंदनीय जीवन को जीकर मृत्यु अभिनंदनीय प्राप्त हो।
अंतिम समय में कोई हमको ना कहे तुम अभिशप्त हो ।।10।।

( लेखक डॉ राकेश कुमार आर्य सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता हैं )
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