नारी सृष्टि का आधार
मृदुल मधुर सरस भाव,जीवन पावन शब्दकोश ।
त्याग समर्पण अर्थ व्यंजना ,
समग्र खुशियां परितोष ।
सृजन सह अठखेलियां,
उज्ज्वल भविष्य साकार ।
नारी सृष्टि का आधार ।।
स्नेह प्रेम करूणा सागर,
अंतर सरित आशा उमंग ।
परिवार समाज भव्य कड़ी ,
हर कदम मान मर्यादा कंग ।
परम सेतु संस्कार परंपरा,
शिक्षा दीक्षा प्रगति समाहार ।
नारी सृष्टि का आधार ।।
संबंध अंतर अपनत्व संज्ञा,
भूमिका निर्वहन अनूप ।
अद्भुत ओज मुखमंडल ,
सतत श्रम संग छाया धूप ।
नित्य तत्पर हौसली उड़ान,
आत्मविश्वास मैत्री हंकार ।
नारी सृष्टि का आधार।।
सभ्यता संस्कृति धर्म रक्षक,
शक्ति भक्ति अनुपम अध्याय ।
व्यक्तित्व कृतित्व अति उत्तम ,
भावी पीढ़ी मार्गदर्शन संकाय ।
पर हित निज सुख आनंद तज,
मुस्कान संग हर बाधा पार ।
नारी सृष्टि का आधार ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com