सहज सरल कोमल ह्रदय,ईश्वर का उपहार
अलौकिकता परम स्पंदन,उरस्थ पुनीत कामनाएं ।
आशा उमंग उल्लास अथाह,
चितवन मधुर भावनाएं ।
कल्पना पट यथार्थ बिंब,
कोष्ठ प्रकोष्ठ शुभता समाहार ।
सहज सरल कोमल ह्रदय,ईश्वर का उपहार ।।
हर पल अनंत अभिलाष,
मैत्री हेतु सौम्य तत्पर ।
मुस्कान वसित भव्य छवि,
आस्था विश्वास परस्पर ।
चाहना तृषा असीम अनूप,
प्रणय पटल तृप्ति विहार।
सहज सरल कोमल ह्रदय,ईश्वर का उपहार ।।
परिवेश बयार आनंदिका,
नैसर्गिक दृश्य मनमोहक ।
नैतिक विचार पीठिका,
सृजन सृष्टि सदैव रोहक ।
अंतर बिंदु कमनीय स्पर्श,
माध्य साध्य यौवन बहार।
सहज सरल कोमल ह्रदय,ईश्वर का उपहार ।।
जन्म जन्मांतर नेह अनुबंध,
रग रग दैविक आभा व्याप्त ।
जीवन पथ सुपर्याय भाषा,
रग रग खुशियां विलुप्त संताप ।
शुभ मंगल अंतरंग तरंग,
प्रीत प्रतीक्षा आनंद अपार ।
सहज सरल कोमल ह्रदय,ईश्वर का उपहार ।।
कुमार महेन्द्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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