जहां नारी की पूजा होती है वहीं समस्त देवताओं का वास होता है :-- #स्वामी #पुरुषोत्तमाचार्य #महाराज

"नारी का सम्मान करना मनुष्य का परम कर्त्तव्य है। जहां नारी की पूजा होती है वहीं देवताओं का वास होता है।" उक्त उद्गार स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज जी ने माँ तारा नगरी केसपा में आयोजित लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में व्यक्त किया।
श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ के पांचवे दिन भक्तों की अपार भीड़ रही। प्रातः काल से माँ तारा के प्रांगण में दर्शन के लिए लंबी-लंबी कतारें लग गई। दर्शन के उपरांत भक्तगण स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज से दीक्षांत ग्रहण किया। लोगों ने जीवन में धर्म के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में प्रवचन देते हुए कहा कि नारी का सम्मान करना मनुष्य का परम कर्त्तव्य है। जहां नारी की पूजा होती है वहीं देवताओं का वास होता है। हर व्यक्ति को सही मार्गदर्शन करने वाली उसकी पत्नी होती है। पत्नी की उचित सलाह नहीं मानने वाले का सर्वनाश निश्चित होता है। मंदोदरी ने भी रावण को सही सलाह दिया था लेकिन रावण ने अपनी पत्नी का सलाह नहीं मान कर अपना सर्वनाश किया। जिस दौर में एक से अधिक पत्नी रखना राजा की शान का प्रतीक माना जाता था, उस दौर में भगवान राम ने एक पत्नी रखकर नारी धर्म का मान बढ़ाया था। माता सीता के वनवास गमन के उपरांत भगवान राम ने अश्वमेध यज्ञ के दौरान सीता की स्वर्ण मूर्ति के साथ यज्ञ के कार्य को पूर्ण किया था। भगवान राम के पूर्वज राजा भागीरथ के प्रयास से मां गंगा धरती पर अवतरित हुई और आज तक सभी का उद्धार कर रही है। इस धरती पर गाय सभी इंसान की माता होती है। गाय की रक्षा करना हम सभी का दायित्व है।
संध्या काल में साध्वी शिखेश्वरी देवी द्वारा भक्तों को हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद की कथा सुनाई । भगवान विष्णु ने अपने परम भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए नरसिंह अवतार लिया और ब्रह्मा जी के वचनों का लाज रखते हुए हिरण्यकश्यप का वध किया नौर भक्त प्रह्लाद की रक्षा की। रामायणी बाबा ने रामकथा के दौरान भगवान राम के बाल्यकाल से लेकर नारायण बनने तक के उच्च आदर्शो से श्रद्धालु भक्तों को रुबरु कराया।
सुदूर गांवों के ग्रामीणों की सहभागिता भी इस यज्ञ में देखने को मिली।यज्ञ परिसर में जात-पात की दीवार समाप्त हो चुकी थी। सभी जाति के भक्त एक साथ बैठ कर धर्मगुरु का प्रवचन सुन रहे हैं न रहे हैं। इस अवसर पर गया लोकसभा के सांसद प्रतिनिधि रोमित कुमार, सेवानिवृत प्राचार्य सियाराम सिंह, जदयू महिला प्रदेश उपाध्यक्ष ममता शर्मा, डॉ बी डी शर्मा सहित कई श्रद्धालुओं ने स्वामीजी से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस महायज्ञ में आए तभी आगंतुकों के लिए भंडारा का आयोजन किया गया जिसका प्रबंध सेवानिवृत प्राचार्य एवं यज्ञ समिति के अध्यक्ष कामता शर्मा द्वारा किया जा रहा है। इस यज्ञ को सफल बनाने के लिए आयोजन समिति के अध्यक्ष कामता शर्मा, कोषाध्यक्ष राजीव शर्मा, हिमांशु शेखर, अमिताभ कुमार, प्रमोद कुमार, मुन्ना शर्मा, विक्रम कुमार,गौरव कुमार रणविजय शर्मा सहित कई ग्रामीण तन मन धन से समर्पित होकर कार्य कर रहे हैं।
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