Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

आदमी की तलाश मे, घूमता यहाँ आदमी,

आदमी की तलाश मे, घूमता यहाँ आदमी,

खुद को खुदा समझकर, झूमता है आदमी।
मन्दिरों मे आज भी, मानवता का दिया जला,
मस्जिदों मे आदमीयत को, रौंदता है आदमी।
मन्दिर में दया भाव, दीन दुखियों की सेवा,
मस्जिद में हिंसा समर्थन, करता देखा आदमी।
नित नये फ़तवों की गूंज, मीनारों से सुनी जाती,
शंख ढोल झाँझ मंजीरे, कहीं बजाता आदमी।


डॉ अ कीर्ति वर्द्धन

हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ