ओटा पर कोठी के धान सूख रहलो हे।
डॉ रामकृष्ण मिश्रओटा पर कोठी के धान सूख रहलो हे।
बिन पानी अँतरा के पान सूख रहलो हे।।
बरसे के धूम धाम बादर बरसलन।
बीचे छनक गेल नीन भूख रहलो हे।।
कागज पर छपा गेलो बिन बजले ढोल।
खाली हहारो मेंं कुकुर भूँक रहलो हे।।
एक दने सस्ताएल नफरत ईमान।
भाँडे़ में खर- पत सन नेह झोंक रहलो हे।।
अपने मे़ं कहा -सुनी होय कपर फोरी।
घरवे हुँडा़र- बाज ताल ठोक रहल़ो हे।।
टोला के का कहबंऽ अँगने हहासल।
अपने पोसपुतवा किरपान भोंक रहलो हे।।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें|
हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews
https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com