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गरीबों के रहने के लिए सरकार दे रही आशियाना

गरीबों के रहने के लिए सरकार दे रही आशियाना

  • दीनदयाल जन आजीविका (शहरी) योजना ने बदली हजारों बेघरों की जिंदगी 
  • 4303 लोगों को मिला सुरक्षित ठिकाना, पटना में 12 जर्मन हैंगर तैयार
  • बिहार के 129 नगर निकायों के 4303 बेघरों को मिला सुरक्षित ठिकाना
  • 8 अतिरिक्त जगहों पर जर्मन हैंगर प्रस्तावित
  • महिला और दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधाएं


दीनदयाल जन आजीविका योजना (शहरी) को सभी नगर निकायों में लागू किया गया है। इसके अंतर्गत 129 नगर निकायों में आश्रय गृह बनाए गए हैं, जहां 4303 बेघर लोग सुरक्षित रूप से रह रहे हैं। पटना में इसका पायलट प्रोजेक्ट सफल हो गया है।
राजधानी पटना में 1 अक्टूबर 2024 को आर ब्लॉक, शेखपुरा, सैदपुर (वार्ड नं. 48), मैकडोवेल गोलंबर (वार्ड नं. 43, राजेंद्र नगर), गायघाट और छोटी पहाड़ी में इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया। इसे छह महीने के लिए आगे बढ़ा दिया जा रहा है। फिलहाल इन आश्रय गृहों में 325 लोग रह रहे हैं।


जर्मन हैंगर में बेघरों को सुरक्षित आवास
पटना नगर निगम में 12 स्थानों पर स्थायी जर्मन हैंगर बनाए गये हैं, जिनमें 406 लोग निवास कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त 8 अतिरिक्त जगहों पर जर्मन हैंगर प्रस्तावित हैं। बैरिया और मालसलामी (वार्ड नं. 37) में निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। बाढ़ और डुमरांव में भी 132 लोग स्थायी जर्मन हैंगर में रह रहे हैं।


बेघरों को पहचान-पत्र और सरकारी योजनाओं का लाभ
इस योजना के तहत उन लोगों को प्राथमिकता दी जाती है, जो रात 8 बजे के बाद सड़कों पर सोते हैं। इनमें भिक्षुक, वेंडर्स और अन्य बेघर लोग शामिल हैं। इस योजना के तहत इन लाभार्थियों को पहचान-पत्र, आधार कार्ड, मतदाता पहचान-पत्र दिलाने के साथ-साथ वृद्धावस्था, विधवा और विकलांगता पेंशन, बीपीएल कार्ड, पीडीएस राशन कार्ड, जनधन खाता, आईसीडीएस सेवाएं, सरकारी स्कूलों में नामांकन, स्वास्थ्य सुविधाएं, बीमा योजनाओं का लाभ और मुफ्त कानूनी सहायता भी प्रदान की जा रही है।


महिला और दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधाएं
आश्रय गृहों में दिव्यांगों और महिलाओं के लिए भी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें विकलांग पुनर्वास योजना, उज्ज्वला योजना, सबला योजना, वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्पलाइन, संकटग्रस्त महिलाओं और बच्चों के लिए रेफरल सेवाएं, पीडीएस के तहत सब्सिडी भी शामिल है।


योजना के लिए 271 करोड़ रुपये जारी
दीनदयाल जन आजीविका योजना (शहरी) के लिए केंद्र और राज्य सरकार की हिस्सेदारी 60:40 की है। अब तक 271 करोड़ रुपये इस योजना के लिए आवंटित किए जा चुके हैं। राज्य के हजारों बेघरों को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन देने की दिशा में अहम कदम उठाया है। पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद अब इस योजना का राज्यभर में विस्तार किया जाएगा, जिससे और अधिक बेघरों को लाभ मिल सके।

सरकार आश्रय गृहों में बेघरों को गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध करा रही है, जिनमें शामिल हैं :
✔️ हवादार कमरे
✔️ स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था
✔️ नहाने और शौचालय की समुचित सुविधाएं
✔️ अच्छी रोशनी और अग्नि सुरक्षा के उपाय
✔️ प्राथमिक चिकित्सा किट और मच्छर नियंत्रण के उपाय
✔️ कंबल, गद्दे, चादरों की नियमित सफाई
✔️ रसोई, बर्तन, गैस कनेक्शन और भोजन की व्यवस्था
✔️ बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़ी सुविधाएं
✔️ व्यक्तिगत लॉकर और मनोरंजन के साधन

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