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चेहरे पर मुस्कान

चेहरे पर मुस्कान

बढ़ जाती है चेहरे पर मुस्कान तुम्हारे आने पर।
खिल जाती है ये महफिल तान तुम्हारे गाने पर।


बज उठती है तालियां मधुर गीत तेरे सुनाने पर।
हर कोई अपना सा लगता थोड़ा तेरे मुस्काने पर।


पीर मन की हल्की होती अपनापन जताने पर।
सारी किस्मत खुल जाती पास तेरे आ जाने पर।


हंसी ठिठोली दिल जीते जुबा तेरी खुल जाने पर।
हंसमुख चेहरा मन को भाता मुस्कान फैलाने पर।


महकता समां तुम सारा पहचान नई बनाने पर।
होठों पे खुशियां छा जाती सुधारस बरसाने पर।


शब्द शिल्पी पावन मोती करामात दिखलाने पर।
तुम हस्ती मेरे शहर की नाम रोशन कर जाने पर।


मधुर तराने लगे सुहाने सारी सभा महकाने पर।
तुझसा ना कोई प्यारा हर दिल खिले हर्षाने पर।


तुम जियो हजारों साल हजारों दुआएं पाने पर।
हंसो हंसाओ बधाई हर दिल तक छा जाने पर।


रमाकांत सोनी सुदर्शन


नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान

रचना स्वरचित व मौलिक है


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