आओ,भोजन सदुपयोग की लें शपथ
मनुज जीवन भोजन महत्ता,अद्भुत अनुपम व विशेष ।
सतत ओज शक्ति प्रवाहक,
रग रग खुशियां अधिशेष ।
अन्न अंतर दैविक अनुपमा,
परोक्ष अहम भूमिका मनोरथ ।
आओ,भोजन सदुपयोग की लें शपथ ।।
राष्ट्र समृद्धि प्रमुख घटक,
समाज पट संस्कार परिचय ।
क्षुधा तृप्ति आनंद प्रदायक,
दूर परस्पर विभेद संशय ।
सर्वजन भोजन उपलब्धता,
माध्य सुख समृद्ध जीवन पथ ।
आओ,भोजन सदुपयोग की लें शपथ ।।
विवाह सामूहिक कार्यक्रम पटल,
साक्षात दर्श भोजन अपमान ।
थाली अंतर अथाह जूठन,
दृष्टांत अमानवीय खान पान ।
स्व रुचि आवश्यकता अनुरूप,
सविनय अनुरोध भोज ग्रहण जथ ।
आओ,भोजन सदुपयोग की लें शपथ ।।
सर्व जन हेतु पर्याप्त भोजन,
समग्र नैतिक जिम्मेदारी ।
अंकुश आहार व्यर्थता बिंदु,
बचत प्रयास वंदन अधिकारी ।
शुभ मंगल उज्ज्वल भविष्य हित,
खाद्यान्न सही प्रयोग पुण्य गथ।
आओ,भोजन सदुपयोग की लें शपथ ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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