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प्रेम ईश्वर स्वरूप,वासना एक मनोविकार

प्रेम ईश्वर स्वरूप,वासना एक मनोविकार

अंतःकरण मृदुल कामना,
नेह दिव्य भव्य परिभाषा ।
तन स्पर्श आलिंगन अंतर,
दर्शित वासना अभिलाषा ।
स्पर्श हीन आनंद अनुभूति,
पुनीत पावन प्रणय निखार ।
प्रेम ईश्वर स्वरूप,वासना एक मनोविकार ।।


वासना पट मर्यादा तार तार,
गौण प्रिय आदर सम्मान ।
पाश्विक चिंतन मनन,
लैंगिक सुख स्वार्थ ध्यान ।
छल कपट कृत्रिम प्रदर्शन,
संसर्ग हेतु अवांछित विचार ।
प्रेम ईश्वर स्वरूप,वासना एक मनोविकार ।।


प्रीत अनुपमा मनमोहिनी ,
सादगी श्रृंगार अति उत्तम।
माध्य साध्य आलोक पुंज ,
सदा हरण हाहाकार तम ।
सहन वहन कष्ट कंटक बाधा ,
निर्मित मिलन योग विसार ।
प्रेम ईश्वर स्वरूप,वासना एक मनोविकार ।।


अनुरक्ति पटल उद्दीग्नता शांत,
तन मन एकीकरण ओर ।
अमिय सुधा परम स्पंदन,
प्रति पल आनंदित भोर ।
वासना मात्र शारीरिक क्षुधा,
दानव सम भोग विलास विहार ।
प्रेम ईश्वर स्वरूप,वासना एक मनोविकार।।


कुमार महेंद्र


(स्वरचित मौलिक रचना)


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