तेरी दोस्ती से, गुलजार जिंदगी मेरी
पाकर तुम्हारा साथ,जीवन सम प्रसून खिला ।
बोझिल सी राहों पर,
आनंद भरा शकुन मिला ।
जले नव आशा दीप ,
दूर सारी नैराश्य अंधेरी ।
तेरी दोस्ती से,गुलजार जिंदगी मेरी ।।
मेरा जीवन तो जैसे,
तपता रेगिस्तान था ।
कदम कदम पर छाया,
संघर्ष भरा तूफान था ।
मुस्कान मिली चेहरे को,
जब हुई प्रियतम पग फेरी ।
तेरी दोस्ती से, गुलजार जिंदगी मेरी ।।
मेरे उर कैनवास पर,
तुमने अनूप चित्र बनाया ।
विचलनी पगडंडी पर,
हर भाव पवित्र बनाया ।
समाधान बन अवतरित हुए,
जब कोई विपदा बदरी घेरी ।
तेरी दोस्ती से, गुलजार जिंदगी मेरी ।।
उत्साह उमंग अनुपमा,
जीवन अनूप परिभाषा हो।
मृदुल नेह अनुबंध पर,
मिलन सौम्य अभिलाषा हो।
हिय कामनाएं सदा फलीभूत ,
निहार तुम्हारी शुभता देहरी ।
तेरी दोस्ती से,गुलजार जिंदगी मेरी ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com