Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

अप्रैल 2025 के कुछ महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार

अप्रैल 2025 के कुछ महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार

हर हर महादेव!!
लेखक: रवि शेखर सिन्हा उर्फ आचार्य मनमोहन। ज्योतिष मार्तंड एवं जन्म कुंडली विशेषज्ञ।

मैं आप सबको और आप सब के हृदय में विराजमान ईश्वर को प्रणाम करता हूं और धन्यवाद करता हूं। अंग्रेजी कैलेंडर के अप्रैल महीने में सनातन हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र और वैशाख महीने का संगम होता है। चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू पंचांग श्री विक्रम संवत का आरंभ होता है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान ब्रह्मा जी ने सृष्टि का आरंभ किया था। इसे हिंदू सनातन समाज में नए वर्ष का पहला दिन माना जाता है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक वासंतिक नवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है। चैत्र महीने में भगवान श्री राम का जन्मोत्सव श्री रामनवमी के रूप में, जैन समुदाय के महावीर स्वामी का जन्मोत्सव, श्री हनुमान जी महाराज का जन्मोत्सव चैत्र पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस प्रकार चैत्र माह त्योहारों से भरा हुआ हर्ष उल्लास का महीना माना जाता है। ऋतुराज बसंत का प्रभाव लिए हुए चैत्र माह उत्साह से भरा होता है। जबकि वैशाख मास विवाह, गृह प्रवेश, वधू प्रवेश इत्यादि समस्त शुभ मांगलिक कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ महीना माना जाता है। चैत्र माह और वैशाख माह के अधिपति देवी देवताओं को नमन करते हुए, उन्हें प्रणाम करते हुए और धन्यवाद करते हुए चर्चा आरंभ करते हैं अप्रैल 2025 के कुछ महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों के बारे में।
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में पंचमी तिथि की हानि होने के कारण यह पक्ष 14 दिनों का है। जबकि वैशाख कृष्ण पक्ष में प्रतिपदा तिथि की वृद्धि और चतुर्दशी तिथि का क्षय हो जाने के कारण वैशाख कृष्ण पक्ष 15 दिनों का है।
दिव्य रश्मि पत्रिका परिवार की तरफ से सभी पाठकों को और समस्त देशवासियों को हिंदू नव वर्ष एवं श्री रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं।


1 अप्रैल मंगलवार को अंगारकी वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत होगा। आज गणगौरी पूजन किया जाएगा। राजस्थान में गण गौरी पूजन का विशेष महत्व है। आज सभी बैंकों का सार्वजनिक अवकाश होगा।


2 अप्रैल बुधवार को लक्ष्मी पंचमी का पर्व मनाया जाएगा।


3 अप्रैल गुरुवार को श्री सूर्य षष्ठी का व्रत होगा। जिसे चैती छठ के रूप में जाना जाता है। बिहार प्रांत में इसका विशेष महत्व है। नेपाल देश में इसे यमुना छठ के नाम से जाना जाता है। बंगाल प्रांत में इसे अशोक षष्ठी के रूप में जाना जाता है।


5 अप्रैल शनिवार को श्री दुर्गा अष्टमी का व्रत होगा। आज माता महागौरी की पूजा की जाएगी। आज रात्रि में शीतला माता की विशेष पूजा की जाती है। इसे शीतलाष्टमी के रूप में भी जानते हैं।


6 अप्रैल रविवार को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का जन्मोत्सव पूरे संसार में श्रद्धा भक्ति के साथ धूमधाम से मनाया जाएगा। इसे श्री रामनवमी के रूप में भी जाना जाता है। नवरात्रि की आज नवमी तिथि में हवन पूजन और कन्या पूजन का विशेष महत्व है। श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में भगवान श्री राम का जन्मोत्सव पारंपरिक शास्त्रीय विधि विधान से मनाई जाएगी।
आज के ही दिन से गोस्वामी तुलसीदास जी ने श्री रामचरितमानस की रचना आरंभ की थी। अतः इसे मानस जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।
आज श्री स्वामीनारायण जी का जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा।


7 अप्रैल सोमवार को नवरात्र व्रत का पारण किया जाएगा।


8 अप्रैल मंगलवार को एकादशी का व्रत गृहस्थ और वैष्णव दोनों के लिए सर्वमान्य होगा। इसे कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है।


9 अप्रैल बुधवार को वामन द्वादशी है।


10 अप्रैल गुरुवार को सर्व कामनाओं की पूर्ति के लिए प्रदोष व्रत किया जाएगा।
जैन धर्मावलंबी जनों के लिए महत्वपूर्ण एवं परम पवित्र पर्व श्री अनंग त्रयोदशी एवं महावीर स्वामी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।


12 अप्रैल शनिवार को स्नान दान और व्रत की पूर्णिमा होगी। आज श्री हनुमान जी महाराज का जन्मोत्सव पूरे विश्व में श्रद्धा भक्ति उल्लास के साथ मनाया जाएगा। आज चैत्र पूर्णिमा है। राजस्थान के सालासर बालाजी में मेला का आयोजन किया जाता है।


14 अप्रैल सोमवार को मेष संक्रांति है। इसे सत्तू संक्रांति के नाम से भी बिहार प्रांत में जाना जाता है। बिहारवासी आज के दिन सत्तू कहते हैं एवं सत्तू का दान करते हैं। आज भगवान सूर्य के राशि परिवर्तन करते ही खरमास समाप्त हो जाएगा।
विवाह, गृह प्रवेश इत्यादि के मांगलिक कार्यों के मुहूर्त पुनः आरंभ हो जाएंगे। आज भारतीय संविधान के रचयिता बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का जन्म दिवस है। भारतवर्ष के पंजाब प्रांत में और विश्व भर में पंजाबी समुदाय में बैसाखी का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा।


16 अप्रैल बुधवार को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत होगा।


17 अप्रैल गुरुवार को माता सती अनसूया का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।


18 अप्रैल शुक्रवार को सिक्ख समुदाय के गुरु, गुरु तेग बहादुर जी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
आज Good Friday है। ईसाई समुदाय के देवदूत ईसा मसीह जी को सूली पर चढ़ाया गया था। जिसे ईसाई समुदाय गुड फ्राइडे के रूप में शोक प्रकट करते हुए परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं।


19 अप्रैल शनिवार को सिख समुदाय के गुरु, गुरु अर्जुन देव जी का जन्म उत्सव मनाया जाएगा।


20 अप्रैल रविवार को भानु सप्तमी है। आज के दिन भगवान सूर्य की विशेष पूजा अर्चना की जाती है और गेहूं के आटे और गुड़ का दान किया जाता है। इसे सूर्य ग्रहण के बराबर का माना जाता है। जिसमें पूजन और दान करने से विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है।
आज Easter Sunday भी है। आज के दिन ईसाई समुदाय के देवदूत ईसा मसीह जी सूली पर चढ़ाए जाने के बाद चमत्कारिक ढंग से पुनः जीवित हो गए थे। इसी खुशी में ईसाई समुदाय Easter Sunday के रूप में आज के दिन खुशियां मनाते हैं।


21 अप्रैल सोमवार को श्री शीतला अष्टमी का व्रत होगा। आज के दिन बासी भोजन ग्रहण करने का शास्त्रीय विधान है।


22 अप्रैल मंगलवार को पृथ्वी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। इसे International Mother Earth Day के नाम से भी जाना जाता है। विश्व का पहला पृथ्वी दिवस सन 1970 में मनाया गया था।


23 अप्रैल बुधवार को भारतीय स्वतंत्रता के वीर सेनानी बाबू वीर कुंवर सिंह का जन्मोत्सव बिहार प्रांत में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।


24 अप्रैल गुरुवार को वरुथिनी एकादशी का व्रत गृहस्थ और वैष्णव दोनों के लिए सर्वमान्य होगा। आज श्री वल्लभाचार्य जी का जन्मोत्सव भी है।


25 अप्रैल शुक्रवार को प्रदोष व्रत होगा।


26 अप्रैल शनिवार को मासिक महाशिवरात्रि का व्रत होगा।


27 अप्रैल रविवार को स्नान दान श्राद्ध की अमावस्या है।


28 अप्रैल सोमवार को चंद्र दर्शन है।


29 अप्रैल मंगलवार को भगवान श्री परशुराम जी का जन्मोत्सव श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाया जाएगा। आज छत्रपति शिवाजी महाराज का भी जन्मोत्सव है।


30 अप्रैल बुधवार को अक्षय तृतीया का पर्व हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाएगा। अक्षय तृतीया के दिन दान और पुण्य का विशेष महत्व है। आज के दिन जो कुछ भी दान किया जाता है वह असंख्य गुना होकर कई जन्मों तक पुण्य के रूप में प्राप्त होता रहता है। अक्षय तृतीया के दिन जल से भरा हुआ मिट्टी का कुंभ अर्थात मटका, शक्कर, पंखा, छाता, जूता, सफेद वस्त्र इत्यादि का और ठंढे फलों का दान किया जाता है। गंगा इत्यादि तीर्थ स्थान पर स्नान करना पुण्य फलदायक माना जाता है।
आज से ही 6 महीने तक बंद रहने के पश्चात भगवान श्री बद्रीनाथ और भगवान श्री केदारनाथ का पट खुल जाता है। आज से श्री बद्रीनाथ और श्री केदारनाथ की यात्रा आरंभ हो जाती है।


विशेष टिप्पणी: भगवान सूर्य 14 अप्रैल सोमवार की प्रातः काल 5:29 पर अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे। भगवान सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करते ही खरमास समाप्त हो जाएगा। शुभ और मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे। सोने और चांदी के मूल्यों में वृद्धि हो जाएगी। इसके साथ ही गर्मी अधिक पड़ने लगेगी। तेज धूप और गर्म हवाओं का प्रभाव थोड़ा परेशान कर देगा। इस वर्ष गर्मी अधिक पड़ेगी। जिसके कारण कई स्थानों पर जल स्रोत सुख जाएगा। अतः जिस व्यक्ति की जितनी सामर्थ्य हो, अपनी सामर्थ्य के अनुसार जल का दान अवश्य करें। सभी प्राणियों के प्रति सद्भावना रखें। पशु पक्षियों को भी जल पिलाएं। अपने घर की छत पर पक्षियों के लिए अन्न और जल की व्यवस्था अवश्य करें। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।


हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ