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पंडित अनंत देव मिश्र का विचार और व्यक्तित्व प्रेरणादायक---- सरताज खां

 

पंडित अनंत देव मिश्र का विचार और व्यक्तित्व प्रेरणादायक:- सरताज खां

गया डॉक्टर विवेकानंद पथ गोल बगीचा में स्वतंत्रता सेनानी पंडित अनंतदेव मिश्र का 11वीं पुण्यतिथि समारोह पूर्वक संपन्न हुआ। समारोह का शुभारंभ दीप जलाकर पुष्पनजली अर्पित कर सरताज साहब ने किया। की महान राष्ट्रवादी बहुमुखी प्रतिभा के धनी स्वतंत्रता सेनानी, अपने विलक्षण व्यक्तित्व और कृतित्व से जन-जन को प्रभावित करने वाले पंडित अनंतदेव मिश्र के जीवन की सबसे बड़ी पहचान है कि अपना सब कुछ छोड़कर संपूर्ण जीवन राष्ट्रहित, समाज हित में समर्पित कर दिया। स्वयं शोषित रहकर भी जन-जन को पोषित करने वाले मिश्र जी कोअपने जीवन में उन्हें विपरीत परिस्थितियों में भी सिद्धांत, विचारनिष्ठा, उदारता, सरलता, सेवा- समर्पण आदि मानवीय गुणों से कभी भी विचलित होते नहीं देखा। बाबा ने जो मुझमें राजनीतिक दिलचस्पी पैदा की और मेरे अंदर मानवीय सेवा का भाव पैदा किया, उस विचार, व्यक्तित्व साहस, स्वाभिमान गौरवशाली अतीत की स्मृति मुझे निरंतर प्रेरणा देती है। यह कथन है बिहार के वरिष्ठ अधिवक्ताओं में एक रहे समाजसेवी वरिष्ठ सरकारी अभियोजक सरताज खां का।
प्रसिद्ध अधिवक्ता एवं कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के समर्पित नेताओं में एक रहे मोहम्मद याहिया खां ने कहां की यह बात में गर्व से कर सकता हूं कि आज मैं जो भी कुछ हूं यह बाबा का आशीर्वाद मार्गदर्शन का ही परिणाम है। बाबा को मैं राजनीतिक गुरु मानता हूं। बाबा ने मुझे पुत्रवत स्नेह दिया है। मैं बड़े ही करीब से जानता हूं उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता राजद के कद्दावर नेता शकील अहमद खां बिहार सरकार के मंत्री रहे भी बाबा को अपना आदर्श मानते थे। वे स्वयं कहा करते थे कि बाबा के आशीर्वाद मार्गदर्शन ने ही मुझे यहां तक पहुंचा है। मुझे आज भी याद है सन 2000 27 मई को में बाबा के बड़े पुत्र जो विभिन्न सामाजिक संगठनो से जुड़े, आयुर्वेद के ख्यातिप्राप्त चिकित्सक डॉक्टर विवेकानंद मिश्र के नाम अपने कोटे से गोल बागीचा गया में डॉक्टर विवेकानंद पथ का उद्घाटन समारोह पूर्वक स्वयं अपने करकमलों से किया था। मेरे साथ शहर के कई जाने-माने व्यक्ति, वरिष्ठ अधिवक्ता मसूद अहमद खा, चरित्र यादव, पूर्व विधायक डॉक्टर जुगल किशोर आजाद खा, सईद खान, मुजफ्फरपुर विश्वविद्यालय के कुलपति शकील अहमद, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रंजीत सिंह वरिष्ठ अधिवक्ता नुनू बाबू सच्चिदानंद सिंह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैलाश तिवारी महेश सिंह यादव डॉक्टर बी एन पांडे स्वतंत्रता सेनानी पूर्व विधायक गनौरी प्रसाद सिंह पूर्व मंत्री रामचंद्र दास राधेश्याम शर्मा उपस्थिति थे। बाबा के साथ भारी संख्या में हमलोग मौजूद थे । उस समय एक पत्रकार ने पूछा कि बाबा के रहते उनके लड़के के नाम पर पथ का नाम क्यों रखा जा रहा है? उन्होंने कहा था कि मेरा बस चले तो बाबा का नाम तो एक रोड नहीं एक शहर के नाम के लिए भी कम हीं होगा। ऐसा प्रेम था शकील साहब का।
तत्कालीन गया जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष मोहम्मद आजाद खान ने कहा कि बाबा के सानिध्य में मुझे कार्य करने का अवसर मिला मैं समझता हूं कि साधारण से साधारण कार्यकर्ताओं के अलावे बड़े-बड़े नेताओं को भी बाबा ने जो सम्मान दिया कांग्रेस जिस गति से गांव-गांव में पहुंचा मेरे समझ से वह कांग्रेस का स्वर्णिम काल था जो दोबारा देखने को नहीं मिला। कांग्रेस के लिए बाबा का समय संपूर्ण काँग्रेस के लिए गौरव का पल था।
शिवचरण बाबू डालमिया ने कहा कि बाबा साधारण मानव नहीं, वे अपने कृतित्व एवं व्यक्तित्व से महामानव के जीवंत रूप थे।
मगरत्न और कई साहित्यिक सम्मानों से सम्मानित कवि, लेखक, संपादक, सामाजसेवी आचार्य राधामोहन मिश्र माधव ने कहा कि बहुमुखी प्रतिभा संपन्न और समाजोन्मुखी तथा उल्लेखनीय और महत्वपूर्ण कांग्रेस नेता स्व. अनंतदेव मिश्र का व्यक्तित्व इतना आकर्षक और प्रभावशाली था कि समाज के हर वर्ग के व्यक्ति उनके प्रशंसक थे। दल के उच्चतम नेता से लेकर सामान्य कार्यकर्ता तक उनके मानवीय दृष्टिकोण से प्रभावित हो जाते थे। पर्याप्त दलीय सहयोग प्राप्त न होने पर भी अपने समर्पित भाव के कारण वे तत्कालीन बड़े नेताओं में परिगणित थे।
मगध विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग अध्यक्ष रहे जाने-माने शिक्षाविद प्रोफेसर उमेश चंद्र मिश्र शिव ने कहा की पंडित अनंतदेव मिश्र जी कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में एक थे। किंतु सदैव दलगत भावनाओं से ऊपर राष्ट्रवादी विचारधारा से सदैव प्रेरित रहते थे। मानवता की सेवा को हीं अपना धर्म माना था।
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष विधान पार्षद बिहार के जन प्रिया कांग्रेस नेता कांग्रेस के मूल्य और सिद्धांतों से कभी भी समझौता नहीं करने वाले डॉ मदन मोहन झा ने पुण्यतिथि के इस मौके पर अपने संदेश में कहा की अनंतदेव बाबू बिहार के बड़े नेता मेरे पिता जी पंडित नागेंद्र झा के अंतरंग मित्रों में एक थे। इसलिए मुझे भी पंडित अनंतदेव मिश्र जी को नजदीक से जानने का अवसर प्राप्त हुआ था। सचमुच में उनके सरल स्वभाव और महान व्यक्तित्व में एक कुशल अर्थचिंतक कुशल संगठन करता तेजस्वी नेतृत्व सफल राजनीतिज्ञ प्रखर वक्ता आदि अनेक प्रतिभाएं समाहित थे।वे अपने चिंतन रचनात्मक कार्य कुशलता से न केवल अपने जिला बल्कि बिहार कांग्रेसका भी मस्तक ऊंचा किया। अपने लिए उन्होंने राजनीति साध्य नहीं साधन बनाया था। मैं आज विनीत भाव से उनके चरणों पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
मगध विश्वविद्यालय के विभाग अध्यक्ष एवं ऑल इंडिया जूलॉजी साइंस कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ बी एन पांडे ने कहा कि मिश्रा जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी अद्वितीय प्रतिभा संपन्न एक विराट व्यक्तित्व थे, उन्हें मैं व्यक्तिगत रूप से जानता हूं । शिक्षा जगत में विभिन्न स्कूल कॉलेज के संस्थापक संरक्षक रहे मिश्रा जी की चिंता देश की गरीबी शांति समृद्धि के लिए सदैव रहा करती थी। वे इसके प्रबल समर्थक थे। देश के हित एवं कल्याण के लिए जीवनदानी व्यक्ति थे। इस अवसर पर जिन प्रमुख व्यक्तियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए उनमें गजाधर लाल पाठक गजाधर लाल कटरियार स्वामी सुमन जी महाराज वरिष्ठ अधिवक्ता मदन तिवारी आयुक्त अनंत मराठे रंजीत पाठक तरन्नुम नुसरत परवीन तस्लीम नाज डॉक्टर अनूप नाथ तेतरवे सिद्धनाथ मिश्रा केदारनाथ मिश्र डॉक्टर मंटू मिश्रा रंजीत पाठक देवेंद्र नाथ मिश्र हरि नारायण त्रिपाठी सत्येंद्र दुबे अरुण ओझा पुष्पा गुप्ता प्रियंका मिश्रा किरण पाठक मांडवी शंभू गुर्दा बिहार महिला कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रोफ़ेसर गीता पासवान डॉ रविंद्र कुमार प्रोफेसर अशोक कुमार डॉक्टर दिनेश कुमार बसपा नेता राघवेंद्र नारायण यादव डॉक्टर पी पी मिश्रा अचार्य अरुण मिश्रा मधुप आचार्य अभय कुमार पाठक आचार्य अजय मिश्रा ज्ञानेश भारद्वाज पवन मिश्रा सुनील गिरी बबलू गोस्वामी विनोद उपाध्याय अमरनाथ पांडे बृजेश राय शंभू गिरी राजेश त्रिपाठी नीरज वर्मा सुनीता देवी नीलम कुमारी प्रोफेसर रीना सिंह अधिवक्ता राशिद मसूद दीपक पाठक संगीता कुमारी डिंपल मनीष कुमार प्रीतम पाठक मनीष कुमार पूनम कुमारी अभय सिंह ऋतिक संजय मिश्रा अजय मिश्रा सुनील कुमार प्रियांशु मिश्रा पंडित अनंत देव मिश्रा जी की समारोह पूर्वक मनाई जा रही पुण्यतिथि की अध्यक्षता भारतीय जन क्रांति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुप्रसिद्ध समाजसेवी आरडी मिश्रा ने किया मिश्रा जी ने अपने संबोधन में कहा कि मेरे लिए तो मिश्रा जी का चरण ही नहीं, आचरण भी पूजनीय है। उन्होंने आगे कहा कि मैं कांग्रेस के उस दौर को भी जानता हूं जिस समय हिंदुस्तान के तमाम बड़े नेताओं ने श्रीमती इंदिरा गांधी को नकार दिया था। हमारे प्रदेश के भी वर्चस्वादी दिग्गज जातिगत नेताओं ने अलग दल बनाकर नारे लगवाते थे की गली-गली में झंड़ी है इंदिरा गांधी-----है उस समय कांग्रेस के वर्तमान नेता स्वर्गीय ललित बाबू केदार पांडे एवं डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा नागेंद्र झा पंडित अनंत देव मिश्र जी जैसे लोगों के नेतृत्व में विश्वास कर बिहार में इंदिरा गांधी की पार्टी कांग्रेस आई को पूर्ण बहुमत जनता ने दी थी। उस समय भी मिश्रा जी अपनी सारी शक्ति से अपने दल बल के साथ कांग्रेस के लिए पूरी निष्ठा के साथ समर्पित रहे। किंतु दुर्भाग्य है की अनंत देव मिश्रा जैसे नेता को जितना सम्मान पद प्रतिष्ठा मिलनी चाहिए थी नहीं मिल पाया मैं उनके चरणों पर श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं तथा उनके बताएं मार्ग पर चलने का संकल्प लेता हूं।
विभिन्न सामाजिक संगठन से जुड़े प्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर विवेकानंद मिश्र ने अपने उद्गार में कहा कि पिताजी का संपूर्ण जीवन ही चुनौती पूर्ण संघर्षरत रहा। सच कहूं तो वह एक स्वयं महत्वपूर्ण मानवीय समाजशास्त्र थे। वे सजीव मानवीय व्यावहारिक ग्रंथ थे, जिसमें राष्ट्र की ऐतिहासिक धार्मिक नैतिक और दार्शनिक आदर्श की अमूल्य निधि संचित था। मैं उनके बताए मार्ग पर चलने का प्रयास क किया हूं ।करता रहूंगा।

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