हमारी शक्ति, हमारा ग्रह - अक्षय ऊर्जा है पृथ्वी दिवस
.jpeg)
जहानाबाद । विश्व पृथ्वी दिवस और वर्ल्ड अर्थ डे के अवसर पर, जीवन धारा नमामी गंगे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, साहित्यकार और इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र और मानव जाति के साथ इसके संबंधों की रक्षा के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल को मनाया जाने वाला यह वैश्विक कार्यक्रम पिछले 53 वर्षों से पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों का सम्मान करता है और जागरूकता बढ़ाता है।इस वर्ष, 2025 के विश्व पृथ्वी दिवस की थीम "हमारी शक्ति, हमारा ग्रह" है। यह थीम अक्षय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने और एक टिकाऊ भविष्य के निर्माण में व्यक्तियों, संगठनों और सरकारों की साझा जिम्मेदारी पर केंद्रित है। वैश्विक लक्ष्य 2030 तक अक्षय ऊर्जा उत्पादन को तीन गुना करना है, जिसमें भूतापीय, जल, ज्वार, पवन और सौर ऊर्जा जैसे स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा सत्येन्द्र कुमार पाठक ने पूर्व वर्षों की थीमों का भी उल्लेख किया, जिनमें 2024 की थीम "ग्रह बनाम प्लास्टिक", 2023 की "हमारे ग्रह में निवेश करें", 2022 की "हमारे ग्रह में निवेश करें", 2021 की "हमारी पृथ्वी को पुनर्स्थापित करें", 2020 की "जलवायु कार्रवाई", 2019 की "हमारी प्रजातियों की रक्षा करें", 2018 की "प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करें" और 2017 की "पर्यावरण और जलवायु साक्षरता" शामिल थीं। उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ते खतरे और जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी परिणामों पर चिंता व्यक्त की। जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यदि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो पृथ्वी का तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 3.2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है, जो मानव जीवन के लिए अत्यंत विनाशकारी होगा। श्री पाठक ने कहा कि पृथ्वी को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने और इसे रहने योग्य बनाने के लिए हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। विश्व पृथ्वी दिवस स्थानीय पर्यावरण अधिकारियों को नई नीतियां बनाने और मौजूदा पर्यावरणीय मुद्दों पर कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करता है। यह दिन पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करने वाले कारकों और पृथ्वी की वनस्पतियों और जीवों की रक्षा के तरीकों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। प्रथम पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल, 1970 को मनाया गया था, जिसकी पहल विस्कॉन्सिन के सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन और युवा कार्यकर्ता डेनिस हेस ने की थी। 1990 में इसे वैश्विक मान्यता मिली और 141 देशों के 20 करोड़ लोग पुनर्चक्रण को बढ़ावा देने के लिए एकजुट हुए। 2010 में, अर्थ डे ऑर्गनाइजेशन ने पृथ्वी दिवस को पर्यावरण के लिए कदम उठाने का एक महत्वपूर्ण वैश्विक मंच बना दिया। इस संगठन के नेतृत्व में हर साल अरबों लोग पर्यावरण आंदोलन में शामिल होते हैं। प्लास्टिक प्रदूषण से बचाव के उपायों पर प्रकाश डालते हुए सत्येन्द्र कुमार पाठक ने एकल-उपयोग प्लास्टिक की खपत को कम करने, पुन: प्रयोज्य वस्तुओं का उपयोग करने, प्लास्टिक कचरे का उचित निपटान और पुनर्चक्रण करने, प्लास्टिक के विकल्पों को बढ़ावा देने वाली पहलों का समर्थन करने और प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभावों के बारे में दूसरों को शिक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com