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पहलगाम में हिंदू पर्यटकों पर जिहादी हमला, कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार का ही अगला चरण ! – हिन्दू जनजागृति समिति

पहलगाम में हिंदू पर्यटकों पर जिहादी हमला, कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार का ही अगला चरण ! – हिन्दू जनजागृति समिति

वाराणसी - उरी, पठानकोट, पुलवामा जैसे आतंकवादी हमलों का करारा जवाब देने के बावजूद, कश्मीर में इस प्रकार के हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं । यह बात एक बार फिर स्पष्ट हो गई है, कश्मीर के पहलगाम में हुए इस भीषण आतंकी हमले से । वहां आतंकवादियों ने भारतीय पर्यटकों का धर्म पूछकर 26 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी । इस हमले में एक नवविवाहित महिला के सामने ही उसके पति को मार दिया गया । यह घटना केवल आतंकियों की क्रूरता ही नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता और हिंदू समाज पर हुआ एक सीधा हमला है । यह जिहादी आक्रमण, कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार का ही अगला चरण है । इस पर केवल निंदा न करते हुए, भारत सरकार को चाहिए कि वह इन जिहादी आतंकियों और उनके भारत में मौजूद समर्थकों के खिलाफ ऐसी कठोर सैन्य कार्रवाई करे, जो उनके लिए आजीवन सबक बन जाए – ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति ने भारत सरकार से वाराणसी के जिलाधिकारी श्री सत्येंद्र कुमार को ज्ञापन देकर किया । इस समय वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा, प्रदेश मंत्री रमेश निरंकारी, राष्ट्रीय मंत्री विश्व हिंदू महासंघ अधिवक्ता जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव, हिंदू युवा वाहिनी प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष पांडे, अधिवक्ता सजीवन यादव, अधिवक्ता मदन मोहन, भारतीय पथ विक्रेता संघ अध्यक्ष आशीष गुप्ता, रवि श्रीवास्तव, हिन्दू जनजागृति समिति के राजन केशरी आदि उपस्थित थे ।

इस हमले में मारे गए 26 पर्यटक देश के विभिन्न राज्यों से थे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आतंकवादियों का उद्देश्य पूरे देश में दहशत फैलाना था । हत्या के जो वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही हैं, वे देखकर लगता है कि यह क्रूरता मानवता को भी शर्मसार करने वाली है । पिछले कुछ समय से हिंदू व्यवसायियों, कर्मचारियों और कश्मीरी हिंदुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं । केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाकर कश्मीर को भारतीय संविधान की पूर्ण रूपरेखा में लाया, चुनाव कराए, विकास के प्रयास किए; फिर भी आतंकी गतिविधियाँ थमने का नाम नहीं ले रहीं।ऐसे भयानक आतंकी हमले स्थानीय लोगों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं हैं । वर्ष 1990 में 90,000 हिंदुओं की हत्या और साढ़े चार लाख कश्मीरी हिंदुओं का जबरन पलायन इसी षड्यंत्र के तहत किया गया था । अब हो रहे ये हमले उसी साजिश की अगली कड़ी हैं । अतः इस हमले में कौन-से संगठन, नेता या जिहादी आतंकी शामिल हैं, यह पता लगाकर उनके खिलाफ ‘आतंकवाद विरोधी कानूनों’ के अंतर्गत कठोर कार्रवाई कर उन्हें स्थायी सबक सिखाया जाना चाहिए – ऐसी मांग समिति ने की है । इसके साथ ही समिति ने यह भी मांग की कि, कश्मीर घाटी में व्यापक ‘कॉम्बिंग ऑपरेशन’ चलाकर आतंकियों का संपूर्ण खात्मा किया जाए । जिन इलाकों से बार-बार आतंकी हमले हो रहे हैं, वहां स्थायी सैन्य ठिकाने बनाए जाएं । कश्मीर में बचे हुए हिंदू पर्यटकों, व्यवसायियों और कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा हेतु विशेष सुरक्षा योजना लागू की जाए ।

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