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बिहार सरकार पर्यटन विकास के प्रति काफी प्रतिबद्ध: श्री राजू कुमार सिंह, पर्यटन मंत्री, बिहार

बिहार सरकार पर्यटन विकास के प्रति काफी प्रतिबद्ध: श्री राजू कुमार सिंह, पर्यटन मंत्री, बिहार

ऽ माननीय पर्यटन मंत्री श्री राजू कुमार सिंह ने सूचना भवन के संवाद कक्ष में आयोजित विभागीय प्रेस वार्ता में प्रेस प्रतिनिधियों को बिहार पर्यटन विभाग की नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी दी।
ऽ प्रेस वार्ता में पर्यटन सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह, प्रबंध निदेशक श्री नन्द किशोर (बीएसटीडीसी), उप सचिव श्रीमती इन्दु कुमारी एवं महाप्रबंधक श्री चन्दन चैहान आदि पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।
माननीय पर्यटन मंत्री श्री राजू कुमार सिंह ने शुक्रवार को सूचना भवन के संवाद कक्ष में आयोजित विभागीय प्रेस वार्ता में प्रेस प्रतिनिधियों को बिहार पर्यटन विभाग की नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी दी। श्री राजू कुमार सिंह ने कहा कि पर्यटन को राज्य के आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विकास के प्रमुख आधारों में से एक माना जाता है। पर्यटन न केवल राज्य की पहचान को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करता है, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरो में वृद्धि एवं विकास में भी सहायक होता है। आधुनिक पर्यटकीय सुविधाओं का विकास सरकार की प्राथमिकता रही है। गत वर्षों में बिहार पर्यटन ने निरंतर प्रगति की है। माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में सरकार का उद्देश्य है कि बिहार को एक आकर्षक एवं समृद्ध पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित किया जाए। बिहार में वर्ष 2024 में लगभग 6.60 करोड़ (छः करोड़ साठ लाख) से अधिक पर्यटक आए। जिनमें भारतीय पर्यटकों की संख्या लगभग 6.50 करोड़ (छः करोड़ पचास लाख) वहीं विदेशी पर्यटकों की संख्या लगभग 7.30 लाख (सात लाख तीस हजार) रही।
राज्य में पर्यटन सुविधाओं तथा आधारभूत संरचनाओं के विकास हेतु वर्ष 2024-25 में 1328.00 करोड़ (एक हजार तीन सौ अठाइस करोड़) रूपये की विभिन्न नये परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई है। माननीय मुख्यमंत्री जी की प्रगति यात्रा में पर्यटकों की सुविधाओं के विस्तार हेतु राज्यभर में कई परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गयी है, जिस पर कार्य किया जा रहा है। राजधानी पटना में पर्यटकों को आधुनिक सुविधायुक्त गुणवत्तापूर्ण आवासन की व्यवस्था उपलब्ध कराने हेतु तीन पाँच सितारा होटल का निर्माण किया जा रहा है। होटल पाटलिपुत्र अशोक, बांकीपुर बस स्टैंड, तथा सुल्तान पैलेस परिसर की भूमि पर च्च्च् मोड़ में होटल निर्माण हेतु निविदा प्रकाशित की जा चुकी है, इससे राज्य में लगभग ₹1000 करोड़ का निवेश आने की संभावना है। पर्यटकों की सुविधा के लिए सीतामढ़ी, रोहतास एवं बक्सर जिलों में बजट होटलों के निर्माण हेतु 84.27 करोड़ रुपये, तो मुंगेर जिले में असरगंज में तीर्थयात्री शेड तथा कैफेटेरिया के निर्माण हेतु ₹14.88 करोड़ रूपये दिए गए हैं।
श्री राजू कुमार सिंह, पर्यटन मंत्री ने आगे बताया कि राज्य सरकार रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट, सूफी सर्किट, इको सर्किट में विकास के काफी कार्य कर रही है। राम मंदिर की तर्ज पर पुनौराधाम में मां जानकी जन्मभूमि मंदिर का निर्माण किया जाना है। इसके लिए 120 करोड़ रुपये की लागत से 50 एकड़ जमीन अधिगृहित करने का कार्य चल रहा है। वाल्मिकी नगर में लवकुश आश्रम, बक्सर में रामरेखा घाट, अहिल्या स्थान और फुलहर स्थान में भी विकास योजनाओं को स्वीकृति दी गयी है। राजगीर के ब्रह्मकुंड का विकास भी सरकार कर रही है।
पर्यटन सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह ने पर्यटन नीति में हुए संशोधन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पर्यटन नीति में छोटे निवेशकों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले, इसे लेकर नीति में कुछ संशोधन किए गए हैं। प्रमुख पर्यटन केंद्रों जैसे पटना, गया-बोधगया, राजगीर-नालंदा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर को छोड़कर जिला मुख्यालयों में चार स्टार होटल की सीमा तथा निवेश की राशि को कम कर दिया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग निवेश कर सकें। जिला मुख्यालयों में जहां थ्री स्टार और 7.5 करोड़ रुपये का निवेश तो अनुमंडल में टू स्टार और 5 करोड़ की निवेश सीमा तय की गयी है। इसके अलावा स्वीकृत परियोजना लागत के 100ः की अधिकतम सीमा के अन्तर्गत एसजीएसटी के 80ः की प्रतिपूर्ति और पात्र पर्यटन परियोजनाओं के लिए वाणिज्यिक संचालन (सीओडी) की तिथि से 07 (सात) वर्षों तक प्रतिपूर्ति की जाएगी, जो पहले पांच वर्षों की थी। नीति में कुछ नए प्रावधान भी जोड़े गए हैं। जैसे पात्र नई पर्यटन परियोजनाओं को 05 (पाँच) वर्षों की अवधि के लिए ईएसआई और ईपीएफ योजना में नियोक्ता अंशदान के लिए व्यय का 100ः अथवा 3,000ध्- रूपये प्रति कर्मी, जो भी कम हो, की प्रतिपूर्ति होगी। यह प्रतिपूर्ति बिहार के निवासियों के संबंध में ही अनुमान्य होगा। वहीं दिव्यांगों को रोजगार प्रदान करने वाली पात्र पर्यटन परियोजनाओं को प्रति परियोजना 2 अधिकतम 05 (पाँच) कर्मियों के अधीन प्रति कर्मी 1,500ध्- (एक हजार पाँच सौ) रुपये प्रति माह के पारिश्रमिक की प्रतिपूर्ति की जाएगी। यह प्रतिपूर्ति बिहार के निवासियों के संबंध में ही अनुमान्य होगा।प्रेस वार्ता में प्रबंध निदेशक श्री नन्द किशोर (बीएसटीडीसी), उप सचिव श्रीमती इन्दु कुमारी एवं महाप्रबंधक श्री चन्दन चैहान सहित अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
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