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उन्हें बात करने की फुर्सत नहीं है।

उन्हें बात करने की फुर्सत नहीं है।

डॉ. मेधाव्रत शर्मा, डी•लिट•
(पूर्व यू.प्रोफेसर)

उन्हें बात करने की फुर्सत नहीं है।
सच है कि दिल में वो शफक़त नहीं है।

            गाने में कैसे मजा कुछ भी आए,
            साजों में ही जब सही गत नहीं है।

कैदी मुहब्बत के क़िस्मत के मारे,
ताज़ीस्त मिलती जमानत नहीं है।

        रोटी खिलाओ तो कुत्ते भी दरबाँ ,
        नमक के बिना ही शरीयत नहीं है।

मुश्किल से होता है फर्हाद पैदा,
फ़ाजिर का मरना शहादत नहीं है।

        अंधों की बस्ती जहाँ चारजानिब,
        सुर्माफरोशी की सूरत नहीं है।

मानिंदे बाजार सारा ही आलम,
फ़क़ीरों की खातिर मुहब्बत नहीं है।

(फ़ाजिर =लंपट,व्यभिचारी; गत =tuning; शफक़त =ममत्व)


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