दिव्य रश्मि पत्रिका
भारतीय संस्कृति एवं सनातन के प्रति समर्पित दिव्य रश्मि को उसके स्थापना दिवस के ग्यारहवें वर्ष में प्रवेश के शुभ अवसर पर मै हृदय बहुत-बहुत बधाई एवं ढेरों शुभकामनाएं देती हूं। दिव्य रश्मि एक प्रत्रिका न होकर विचारों का एक ऐसा मंच है, जिसका उद्देश्य मानवीय अंतर्द्वंद्व विचारों का एक मूलभूत आवश्यकताओं को प्रस्तुत करता है। पत्रिका में प्रकाशित आलेख भारतीय संस्कृति, सनातन संस्कृति, राष्ट्रीय एकता और अखंडता से ओत-प्रोत संग्रहणीय -पठनीय है।
दिव्य रश्मि का 28 मई को अमर वीर सावरकर जन्म दिवस के शुभ अवसर पर अपने प्रकाशन के ग्यारहवें वर्ष में प्रवेश करना उत्तरोत्तर सफलता का द्योतक है। मेरी भी रचनाओं को प्रमुखता के साथ प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया गया है जिसके लिए मै आभारी हूं। दिव्य रश्मि के संपादक राकेश दत्त मिश्र के साथ संपादक मंडल के सभी सदस्यों को उनके समर्पण और अथक प्रयास के लिए साधुवाद देती हूं। दिव्य रश्मि अपने लक्ष्यों की प्राप्ति की ओर निरंतर अग्रसर रहे। इसी कामनाओं के साथ शुभ चिंतक
डॉ उषाकिरण श्रीवास्तव
साहित्यकार -समाजसेवी
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह राज्याध्यक्ष
जीवन धारा नमामि गंगे, बिहार
व्यूरो चीफ अवधदूत, मुजफ्फरपुर, बिहार
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