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मैं दिल से भी सुंदर हूँ

मैं दिल से भी सुंदर हूँ

मैं मन से भी सुंदर हूँ।
मेरे किस्मत का द्वार
तेरे से ही तो खुला है।
बहुत आये और गये
मेरे जीवन से देखो।
मगर मेरे किस्मत में
लिखा है तेरा ही साथ।।


कद्र करना मुझे आता
अपने जीवन साथी की।
जो पग-पग पर देती है
हमारा साथ हर हालात में।
इसलिए मैं रखता हूँ
सदा ही ख्याल उसका।
क्योंकि हम दोनों जन्में है
सिर्फ एक दूसरे के लिए।।


बहुत खुशी मिलती है
जब बच्चें देते है सम्मान।
तब हमें भी याद आते है
हमारे माता-पिताजी तब।
ये उनके ही थे संस्कार
जो दिला रहे हमें सम्मान।
मैं उनके चरणों में अपना
सदा ही सिर झूकता हूँ।।


जय जिनेंद्र

संजय जैन "बीना" मुंबई


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