Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

धैर्य-अवलोकन: सृजनशीलता के स्तंभ

धैर्य-अवलोकन: सृजनशीलता के स्तंभ

प्रतिभा को अक्सर हम जन्मजात उपहार मान लेते हैं, किंतु सच तो यह है कि प्रतिभा वास्तव में लंबी साधना और धैर्य का फल है। कोई भी महान उपलब्धि एक दिन में नहीं होती; निरंतर अभ्यास, असफलताओं को सहने का साहस और समय के साथ स्वयं को निखारने की लगन — यही सच्ची प्रतिभा की आधारशिला है।


मौलिकता भी कोई आकस्मिक घटना नहीं है। यह गहन अवलोकन, सूक्ष्म विश्लेषण और भीतर से湧ती इच्छाशक्ति का परिणाम है। जब हम संसार को अपनी दृष्टि से देखने का प्रयास करते हैं और अपनी सोच को सीमाओं से मुक्त करते हैं, तब सृजनात्मकता का स्रोत फूटता है।


इसलिए, यदि हम प्रतिभाशाली और मौलिक बनना चाहते हैं, तो हमें अधीरता नहीं, बल्कि धैर्य को अपना साथी बनाना होगा। हर दिन स्वयं को थोड़ा और संवारने का प्रयास करना होगा। अवलोकन की शक्ति को बढ़ाना होगा, और स्वयं के भीतर जलती आकांक्षा की लौ को कभी बुझने नहीं देना होगा।


यही साधना अंततः हमारे व्यक्तित्व को ऐसी ऊंचाइयों तक ले जाती है, जहाँ हम न केवल अपने लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन जाते हैं।


. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार)

पंकज शर्मा
(कमल सनातनी)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ