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श्री रामनवमी पर शब्दवीणा काव्यांजलि एवं परिचर्चा का हुआ आयोजन

श्री रामनवमी पर शब्दवीणा काव्यांजलि एवं परिचर्चा का हुआ आयोजन

  • शब्दवीणा काव्यांजलि में रचनाकारों ने पढीं श्री रामभक्ति से ओतप्रोत रचनाएँ
  • जय, जय कौसल्या नंदन, दशरथ के तनय, सिया के राम
  • आज कण-कण राष्ट्र का श्रीराममय है

गया। श्री रामनवमी के अवसर पर शब्दवीणा फरीदाबाद जिला समिति, हरियाणा के संयोजन में शब्दवीणा काव्यांजलि का आयोजन किया गया, जिसमें रचनाकारों ने श्री रामभक्ति से ओतप्रोत मनमोहक स्वरचित कविताएँ पढीं। शब्दवीणा की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. डॉ. रश्मि प्रियदर्शनी एवं हरियाणा प्रदेश सचिव एवं फरीदाबाद जिला संरक्षक कवयित्री सरोज कुमार के संयुक्त निर्देशन में आयोजित श्री राम को समर्पित इस काव्यांजलि में शब्दवीणा की राष्ट्रीय समिति एवं दिल्ली, हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, गोवा आदि विभिन्न प्रदेश व गया, नवादा, जहानाबाद, औरंगाबाद आदि जिला समितियों के कवि व कवयित्रियों ने अपनी भक्ति भावभीनी रचनाओं द्वारा भारतीय संस्कृति के आधारस्तंभ मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र के प्रति अपनी भावभीनी श्रद्धा निवेदित की। रचनाकारों ने श्री राम पर सारगर्भित दोहे, गीत, एवं मुक्तक पढ़े। कार्यक्रम की अध्यक्षता शब्दवीणा फरीदाबाद जिला उपाध्यक्ष महेश चंद्र शर्मा राज ने की। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जहानाबाद जिला संरक्षक दीपक कुमार एवं विशिष्ट अतिथि के र्म़े राष्ट्रीय साहित्य मंत्री वंदना चौधरी, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आशा दिनकर एवं उत्तराखंड प्रदेश साहित्य मंत्री आशा साहनी की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन फरीदाबाद जिला सचिव रिया अग्रवाल ने किया। कृति यादव ने सरस्वती वंदना की सुमधुर प्रस्तुति दी। तत्पश्चात शब्दवीणा काव्यांजलि में डॉ रश्मि प्रियदर्शनी की 'भारतीय संस्कृति के जो प्रतीक हैं अनुपम, उन्हें प्रणाम। जय, जय कौसल्या नंदन, दशरथ के तनय, सिया के राम' रचना सुन सभी श्री रामभक्ति से भावाभिभूत हो उठे एवं मंच जय, जय श्री राम के नारों से गूंज उठा।

अयोध्या से जुड़ीं वरिष्ठ कवयित्री मधु वशिष्ठ की 'उम्मीद नहीं थी राजा दशरथ को, कैकेई ऐसा वर मांगेंगी', नवादा के मनमोहन कृष्ण की 'भारत भूमि के नायक राम', उत्तर प्रदेश के रमेश चंद्र की 'हम भी कैसे जियेंगे बिना राम के', गोवा से जुड़ीं वंदना चौधरी की 'सूर्य वंश को पावन करने, प्रकट भये धरती पर राम', दिल्ली के शिब्बू चाहर की 'हे राम दुबारा आ जाओ, धरती का पाप मिटाओ तुम', जहानाबाद के दीपक कुमार की 'आज कण-कण राष्ट्र का श्रीराममय है', दिल्ली की आशा दिनकर की 'क्षमा करो सब गलतियां, रहना सदा कृपालु' सुनकर दर्शक एवं श्रोतागण भक्ति भाव में डूब गये। गया के जैनेन्द्र कुमार मालवीय की रचना 'हे पवनपुत्र हनुमान, तुम्हें है कोटि-कोटि प्रणाम' एवं फरीदाबाद की रिया अग्रवाल 'रामचंद्र के बहुत दुलारे, तुम सेवक बहुत महान हो' रचना श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी को समर्पित थी। फरीदाबाद की कृति यादव की 'राम जनम की शुभ घड़ी आयी है', एवं सरोज कुमार की 'आँखें बंद करती हूँ, तो उन्हें ही पाती हूँ, राम भक्ति के बिना मैं असहाय हो जाती हूँ', राम भक्ति के बिना मैं असहाय हो जाती हूँ, एवं महेश चंद्र शर्मा राज की छवि अति मोहक मनहारी, जग के पालनहार, राम रमैया आ जाओ' रचनाएँ सुनकर शब्दवीणा मंच राम स्तुति से गुंजित हो उठा। कार्यक्रम में शब्दवीणा के राष्ट्रीय प्रचार मंत्री डॉ रवि प्रकाश, राजस्थान प्रदेश उपाध्यक्ष रामपंचाल भारतीय व औरंगाबाद जिला अध्यक्ष सुरेश विद्यार्थी की भी उपस्थिति रही।

डॉ. रश्मि ने बताया कि श्री रामनवमी को ध्यान में रखते हुए शब्दवीणा द्वारा आयोजित साप्ताहिक कार्यक्रम 'शब्दवीणा सृजन त्रिविधा' एवं 'शब्दवीणा भेंटवार्ता : सत्यम् शिवम् सुंदरम्' भी दशरथनंदन श्री राम को ही समर्पित थे। इस रविवार शब्दवीणा भेंटवार्ता में शब्दवीणा के राष्ट्रीय परामर्शदाता मंडल सदस्य एवं पश्चिम बंगाल प्रदेश संरक्षक चर्चित श्रीराम कथावाचक पुरुषोत्तम तिवारी ने श्रीराम के उदात्त जीवन, उदार विचारों एवं उत्कृष्ट कार्यों पर प्रकाश डालते हुए भक्तों से श्रीराम के श्रेष्ठ गुणों को आत्मसात करने की बात कही। परिचर्चा के दरम्यान वार्ताकार वंदना चौधरी ने श्री तिवारी से श्रीराम के जीवन से जुड़े अनेक प्रसंगों पर महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे। शनिवार को आयोजित शब्दवीणा सृजन त्रिविधा में भी डॉ. विभा जोशी के संचालन में पश्चिम बंगाल प्रदेश उपाध्यक्ष हीरा लाल साव, जहानाबाद जिला संरक्षक दीपक कुमार एवं गया की कवयित्री एवं छात्रा स्नेहा सिंह ने भी श्रीराम पर रचित कविताओं का पाठ किया। सभी कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण शब्दवीणा केन्द्रीय पेज से किया गया, जिससे जुड़कल प्रो सुनील कुमार उपाध्याय, प्यारचन्द कुमार मोहन, पुरुषोत्तम तिवारी, डॉ. रवि प्रकाश, डॉ आनंद कुमार त्रिपाठी, महावीर सिंह वीर, डॉ. विजय शंकर, अरुण कुमार यादव, नंद किशोर जोशी, निगम राज, सुनीता यादव, विकास शुक्ला, सरिता कुमार, अनुराग सैनी सहित सैकड़ों दर्शक एवं श्रोतागण ने मंचासीन साहित्यकारों का उत्साहवर्द्धन करते रहे।
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