मेरी पूजा कर स्वीकार भवानी
मेरी पूजा कर स्वीकार भवानी, कर दे बेड़ा पार भवानी।सिंह सवारी करके आजा, भर दे झोली मां वरदानी।
मेरी पूजा कर स्वीकार भवानी
अष्ट भुजाओं वाली अंबे, दानव दलनी मां जगदंबे।
अभयदान वर देने वाली, पीर हरो मत करो विलंबे।
संकट हरने वाली मैया, बल यश वैभव गुण दानी।
तेरी शरण साधक आया, गुण गाते मां सुर ज्ञानी।
मेरी पूजा कर स्वीकार भवानी
दुष्टों का संहार करो मां, भक्तों पर उपकार करो मां।
दिव्य अखंड ज्ञान ज्योति, घट घट से अंधकार हरो मां।
शक्ति स्वरुपा हे मां अंबे, तुमसा जग में ना कोई सानी।
दया दृष्टि बरसाओ माता, सिद्धिदात्री मां रूप भवानी।
मेरी पूजा कर स्वीकार भवानी
हाथों में त्रिशूल मां धारे, चक्र गदा अरू शंख सोहे।
प्यारा सजा दरबार मैया, रूप अनूप मन को मोहे।
कालरात्रि काली मैया, महागौरी मां जग कल्याणी।
दीप जलाए तेरे द्वार पे, रोशन कर दो मां जिंदगानी।
मेरी पूजा कर स्वीकार भवानी
रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान
रचना स्वरचित व मौलिक है
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