राम बसे हैं मन में
अवध के राम हैं प्यारे,जगत के धाम हैं न्यारे।
हृदय में राम बसते हैं,
सभी में राम दिखते हैं।
न कोई कष्ट सहता है
जो मन में राम भजता है।
जिसे वो प्रेम करते हैं
सदा ही स्नेह रखते हैं
दया और स्नेह को पाकर
बनो तुम प्रेम के सागर
लिए नवज्योत तुम आओ
जलाओ ज्ञान का दीपक
लगी अपनी जो धुन उनसे
बहाएं प्रेम का निर्झर
कहो सियाराम की हो जय।
मनन समभाव की हो जय।
अवध के राम हैं प्यारे,
जगत के धाम हैं न्यारे।
हृदय में राम बसते हैं,
सभी में राम दिखते हैं।
डॉ.अंकेश कुमार,
पटना(बिहार)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com