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शब्दवीणा के प्रथम स्थापना दिवस पर औरंगाबाद में काव्य गोष्ठी का आयोजन

शब्दवीणा के प्रथम स्थापना दिवस पर औरंगाबाद में काव्य गोष्ठी का आयोजन

औरंगाबाद। राष्ट्रीय साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था 'शब्दवीणा' के प्रथम स्थापना दिवस के अवसर पर जिला अध्यक्ष सुरेश विद्यार्थी के नेतृत्व में शब्दवीणा की औरंगाबाद जिला इकाई द्वारा 'शब्दवीणा काव्य गोष्ठी सह सम्मान समारोह' का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाराज पृथ्वीराज चौहान एवं चंदरबरदाई की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित करके किया गया। तत्पश्चात, माता सरस्वती की वंदना करते हुए ट्रस्ट के उपाध्यक्ष डॉ ज्ञानेश्वर प्रसाद सिंह, सिन्हा कॉलेज के प्रोफेसर डॉ संजीव रंजन, प्रोफेसर विजय कुमार सिंह, संयोजक जगदीश सिंह, सरपंच संघ के प्रांतीय पदाधिकारी रविंद्र कुमार सिंह, सिन्हा कॉलेज के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर डॉ रामाधार सिंह, माध्यमिक शिक्षक संघ के नेता रामभजन सिंह, वरीय सदस्य चंद्र प्रकाश विकास ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वरीय सदस्य राम प्रवेश सिंह के अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम का संचालन शब्दवीणा के जिलाध्यक्ष सुरेश विद्यार्थी द्वारा किया गया। शब्दवीणा के एक साल पूर्ण होने पर संस्था के सचिव सतीश पांडेय द्वारा संस्था की उपलब्धियों पर चर्चा की गई ।

शब्दवीणा औरंगाबाद जिला अध्यक्ष सुरेश विद्यार्थी ने शब्दवीणा की संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ रश्मि प्रियदर्शनी द्वारा प्रेषित शुभकामनाओं को सभी से साझा किया। उन्होंने कहा कि शब्दवीणा द्वारा हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने के लिए बहुत सारे कार्यक्रमों को मूर्त रूप प्रदान किया जा रहा है। वर्तमान परिदृश्य में शब्दवीणा का मुख्य उद्देश्य हिन्दी भाषा को राष्ट्रीय क्षितिज पर स्थापित करने करवाने में सक्रिय भूमिका निभानी है ताकि हिन्दी को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिलाया जा सके। काव्य गोष्ठी में सुरेश विद्यार्थी ने शब्दवीणा "हई साहित्य संस्था के जान बबुआ" काव्य पाठ किया। शिवप्रसाद ने 'झंडा लहर लहर लहराये हिंदुस्तान के' का पाठ करके लोगों में राष्ट्रभक्ति की भावना जगाई, तो उपाध्यक्ष कुंवर विजय कृष्णा ब्रजराज ने फूल और कांटा शीर्षक पर काव्य पाठ किया। 'भक्त हैं कम, देवी देवता है ज्यादा' पाठ करके लोगों के मन से अंधविश्वास को दूर करने का प्रयास किया। संस्था के सचिव सतीश पांडेय के कविता 'सास के शासन' पर लोग लोटपोट हो गए। मौके पर गोरखनाथ सिंह, सत्येन्द्र राम सहित अन्य उपस्थित थे। आगत अतिथियों को शब्दवीणा का प्रतीक चिन्ह, अंग वस्त्र एवं पुष्प हार देकर सम्मानित किया गया।
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