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गर्जना

गर्जना

पिछले दो दिन से भारत में,
बादल खुब गरज रहे हैं।
बिजलियाँ भी चमक रही हैं,
लगता है, अब बरसात होने ही वाली है।
भारतीय खुश हैं कि,
बरसात में खरपतवार मर जायेंगे,
इस बार उपज अच्छी होगी।
सभी आशा लगाए बैठे हैं,
आसमान की ओर देख रहे हैं, कि
कब बादल बरसेंगे।
मौसम बिभाग वाले भी
अच्छी बरसात की खबर दे रहे हैं।
हमारे कुछ लहलहाते फसल,
झुलस कर कल मर गए हैं।
देशवासी इसका शोक मना रहे हैं,
वो प्रतिशोध चाहते हैं।
भारतवासी सैलाब देखना चाहते हैं।
भारत में फसल उगे न उगे,
सैलाब में पड़ोस के, आतताइयों के
लासों को तैरता देखना चाहते हैं।
इस बार जो बादल,
केवल गरज कर लौट गए, तो
मौसम विभाग के भविष्य वाणी से,
भारतीयों का विस्वास उठ जाएगा।
अभी तो केवल कुछ घर ही,
मातम मना रहे हैं।
कल को सारा देश ही,
मातम मनाएगा।
लोग कहेंगे ये केवल गरजने वाले बादल थे ,
खुब गरजे चमके और,
चमक कर चले गए।
भारतवासियों के दिल में,
एक मातम और कसक सा छोड़ गए।
मौसम विभाग के भविष्य वाणियों पर,
तब कोई विस्वास नहीं करेगा।
लोग ऐसे ही मरते रहेंगे ,
यह घाव कभी नहीं भरेगा। जय प्रकाश कुंवर
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