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धरोहर में बसी है सभ्यता संस्कार हमारे हैं।

धरोहर में बसी है सभ्यता संस्कार हमारे हैं।

पुरखों की निशानी है हमें जान से प्यारे हैं।

हवेली छतरियां महल दुर्गा स्मारक यादगार।
आलीशान पार्क कोठी गुलशन है सदाबहार।


दे गए अनमोल धरोहर रखना जरा संभाल।
रीति रिवाज परिपाटी को निभाना हर हाल।


गौरवशाली परंपरा शौर्य पराक्रम से भरपूर।
भाल दमकता रहा सदा चेहरे से बरसता नूर।


सुंदर चित्र कारीगरी शिल्प कला है मनभावन।
भीति कला में छिपा भावों का उमड़ता सावन।


बुजुर्गों की धरोहर को साख को जमाए रखना।
मान सम्मान हो सत्कार संस्कार बनाए रखना।

राष्ट्र की अस्मिता धरोहर आन बान शान सारी।
सुरक्षा मिलकर करें सबकी जिम्मेदारी है हमारी।


वेद शास्त्र साहित्य शब्दों का अतुलित भंडार।
पावन धरोहर हमारी पावन है गीता का सार।


रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान 
रचना स्वरचित व मौलिक है
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