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केतना जुलुम सहैतो कबले ‌पंचायत के ई मचिआ

केतना जुलुम सहैतो कबले ‌पंचायत के ई मचिआ

डॉ रामकृष्ण मिश्र
केतना जुलुम सहैतो कबले ‌पंचायत के ई मचिआ
आग लगाकेअंधड़ हुमचे गुमसुम रहतो ई मचिआ।।
इंसाफी के रोटी खाके बेलज्जत दुसकरम करे।
चिल्लाके अब बता रहल हौ‌ परमेसर‌ के ई
मचिआ।।
सड़ रहलो अलमारी में फाइल के जहाँ पहाड़ बनल।
लहुरी लाग के तुरते सुनतो परमेसरके ई मचिआ।।
अखनी कचहरिया मेला में पैसा पर, सब बिक जैतो


बात दुधारी नीअत भोथर ई परमेसर के मचिआ।।
कानाफूसी बाहर भीतर सगरो जायज समझे के।
असमरथ ला राकस बूझऽ ई परमेसर के मचिआ।।
खचिआ भर अंबार लगल हौ फाइल नेक मुकदमा के। 
तारिख पर तारिख टरकाबे ई‌ परमेसरके मचिआ।। 22


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