संभल का हरिहर मंदिर ऋषि रंजन पाठक संभल की माटी में गूँजती, गाथा एक पुरानी है। हरि-हर के संगम की, यह…
Read more »मानस के किष्किंधा कांड में भगवान राम एवं लक्ष्मण की वंदना धनंजय जयपुरी मानस के किष्किंधा कांड में भ…
Read more »सर्दियों की धूप आ पहुॅंची है शरद ऋतु , सुंदर सर्दियों के धूप हैं । सुंदर सुहाना सा मौसम , धूप मधु स…
Read more »यौवन रस अमृत समान प्राण प्रिय मान प्रतिष्ठा, जीवन ज्योति उपमा । नयनन पटल नेह वसित, अंग प्रत्यंग लाव…
Read more »मोहब्बत अनमोल सीने से लगकर तुमसे बस इतना ही कहना है। जीवन भर अब तुम मुझे रखना बाहों में अब।। साँसों…
Read more »रहस्य , भेद , राज जीवन का रहस्य क्या है , जानता नहीं है हर कोय । समझा नहीं रहस्य जिसने , मानव मानव …
Read more »मानवता के सकल प्राण,मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जीवन आभा सहज सरल, शीर्ष वंश परिवार परंपरा । स्नेहिल…
Read more »विधवा का दर्द विधवा की जिंदगी भी कितनी अजीब है , अनगिनत दुःखों के बहुत ही करीब है। परेशानियों से वह…
Read more »मोहब्बत अनमोल सीने से लगाकर तुमसे बस इतना ही कहना है। जिंदगी भर अब तुम मुझे रखना बाहों में अपनी।। स…
Read more »घर आए लेकिन डॉ. मेधाव्रत शर्मा, डी•लिट• (पूर्व यू.प्रोफेसर) घर आए लेकिन रहे इतना मगरूर, उनसे यारब क…
Read more »हिन्दी का परचम लहरायें बजा शब्दवीणा हम करें, नये गीतों का नव्य सृजन। हिन्दी का परचम लहरायें, हिन्द …
Read more »जीने की ख़ुशी, न मरने का गम है, मानव मिला तन, यही क्या कम है। किया क्या है हमने, यह तन पाकर, जीवन म…
Read more »वेश्या किसी की पत्नी होती है क्या , उसके कोई अपने भी होते हैं क्या ? वेश्या तो सिर्फ वेश्या ही होती…
Read more »हृदयांगन प्रणय धार,सुन पायल की झंकार आनन शोभित मुस्कान, चक्षु अंतर नेह सरिता । हावभाव मस्त मलंग , प…
Read more »था जिसका इंतजार मुझे , मुॅंह फेर वह यों चला गया । आज महसूस हुआ मुझे , जैसे मैं उसी से छला गया ।। मु…
Read more »जीवों का होता यह जीवन , जीवन की होती है जवानी । भला बुरा रचता इतिहास , भला बुरा रचता है कहानी ।। को…
Read more »ललित कलित संविधान हमारा यथार्थ स्वतंत्रता परम प्रहरी, हर नागरिक हित रक्षक । शासन प्रशासन उत्तम सेवा…
Read more »चोर उच्चके बेईमान मिल, ईमानदारी की बात करें, राम विरोधी- राष्ट्र द्रोही, संविधान की बात करें। साँप …
Read more »मेरी गुड़िया कब बिटिया तू बड़ी बनेगी, कब आँखों की कणी बनेगी? नाज करें तुझ पर घर वाले, कब पापा की पर…
Read more »हर पल तजुर्बा ज़िन्दगी, हमको सिखाती है, सुबह सो कर उठे, ख्वाबों की याद दिलाती है। जब सुबह से शाम तक…
Read more »प्रोमोटेड पंडिताईन:डिमोटेड पंडित कमलेश पुण्यार्क "गुरूजी" कुछ जख्म ऐसे होते हैं, जो ठीक…
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