आम फल मेरी क्या गलती थी जो मुझे छोड़ दिया। मेरे रस का रसपान बहुत तुमने कर लिया। जब-जब तेरा मन हुआ त…
Read more »जब तक सांस चल रही है, इस तन को खुब प्यार कर लो। मेरे भी मन को भर दो , और अपने भी मन को भर लो।। सांस…
Read more »घर के बुजुर्ग घर के बुजुर्ग देव सदृश हमारे , घर के बुजुर्ग हमारे ये पूज्य हैं । घर का भला बुरा सो…
Read more »मोहब्बत में अंतर पहले और अब में बहुत अंतर आ गया है। मिलने मिलाने का अब दौर खत्म सा हो गया है। आत्मी…
Read more »आओ बादल , रख लूँ अंजलि में प्यार से डॉ रामकृष्ण मिश्र आओ बादल , रख लूँ अंजलि में प्यार से धरती के …
Read more »क्रोध नहीं मैंने तो मानव को यह चेताया, काट दिए वृक्ष धरा को खोखला बनाया। घने वृक्ष जड़ें जाल सी, मि…
Read more »हो रहा विस्फोट विश्व जनसंख्या दिवस पर भारत के परिप्रेक्ष्य मे। हो रहा विस्फोट, जनसंख्या का देश में,…
Read more »घर बेटी का आज घर में सन्नाटा छा गया। जब बेटी ने प्रश्न एक किया। जिसका उत्तर था नही हमारे पास। की घर…
Read more »ढोंगी बाबा हे ईश्वर तुम हमें बचाना इन ढोंगी बाबाओं से। भोले भाले लोगों को ठगने वाले आकाओं से। इनकी …
Read more »कैसे कैसे लोग अक्सर हमसे डरते लोग, महज दिखावा करते लोग। हम भी यह सब खूब समझते, चापलूसी क्यों करते ल…
Read more »विनम्रता गुण है मानवता का सदा, अति विनम्रता घातक सदा ही रही है। कीजिये कामना मित्रों के सुख की सदा,…
Read more »राष्ट्र धर्म .....? वसुधैव कुटुम्ब का सार हमने जाना है, सीमाओं का बंधन हमने नहीं माना है। करते हैं …
Read more »आनंद के पल जीवन की खुशीयों का मोल समझो। अपने परायें के सपनों को समझो। प्यार मोहब्बत की दुनिया को सम…
Read more »रथयात्रा झूमर अषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष द्वितीया आई गेलै। रथयात्रा के तिथिया आई गेलै। रथ चढ़ी घूमैं द…
Read more »देहरी की रौनक होती बेटियां मनुज सौभाग्य जागृत, असीम मंगलता गृह प्रवेश । सुख समृद्धि वैभव अनंत, सौम्…
Read more »कभी कभी यूँ भी तो अच्छा लगता है, बचपन का दौर पुराना सच्चा लगता है। नया दौर पर हम खंडहर तो अर्वाचीन …
Read more »नारी नर पर भारी है, फिर भी वह बेचारी है। आँसू का हथियार चलाती, सबको अपना दास बनाती, पलभर में घुटनों…
Read more »बरस रहे बदरा बरस रहे बदरा तुम नहीं आए बरस रहे बदरा तुम नहीं आए खुला झरोखा भीग रहा मन जियरा को तरसा…
Read more »अम्बा बगैचा में झूला अम्बा बगैचा में पड़ी गेलो झुलुआ, चलो जैबै,झुले झुलुआ हे ननदो,चलो जैबै।१। सजी ध…
Read more »अपने और पराये जो कल तक दोस्त थे अब वो दुश्मन बन गये हैं। जो खाते थे कसमें यारों सदा साथ निभानें की।…
Read more »पूजा वाला घी का काला सच संवाददाता सुरेन्द्र कुमार रंजन की खबर | व्रत- त्योहारों, शादी समारोहों एवं …
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