“देश का नेता कैसा हो” ऐसा नारा अब गुम हो गया दिव्य रश्मि संवाददाता जितेन्द्र कुमार सिन्हा की कलम से…
Read more »पटना के गांधी मैदान में हुआ दिव्य कला मेला 2023 का शुभारंभ दिव्य रश्मि संवाददाता जितेन्द्र कुमार सि…
Read more »क्रन्तिकारी भाई परमानंद को भारतीय जन महासभा के लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया | भारतीय जन महासभा…
Read more »दुनिया तबाही और बर्बादी की कगार पर इन दिनों चल रहे COP28 के मौक़े पर जारी ग्लोबल टिपिंग पॉइंट्स रिप…
Read more »कहीं मसर्रत, तो कहीं वबाल है। -- डॉ. मेधाव्रत शर्मा, डी•लिट• (पूर्व यू.प्रोफेसर) कहीं मसर्रत, तो कह…
Read more »श्री गणेशाय नम: 9 दिसम्बर 2023, शनिवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रह…
Read more »शब्द- अक्षर,, प्राण- तन समरूप होते हैं। डॉ रामकृष्ण मिश्र शब्द- अक्षर,, प्राण- तन समरूप होते हैं। क…
Read more »सामाजिक समस्याओं के निराकरण के लिए बुद्धिजीवी एक मंच पर आएँ:- ज्योति सिंह/ तरन्नुम तारा सरकारी प्रय…
Read more »रे प्रवासी जाग, राष्ट्र का संवाद आया रे प्रवासी, जाग, तेरे देश का संवाद आया, स्वदेश की पुकार …
Read more »एक कप चाय बढ़ी आजकल चाय की गरिमा , हो रहा चाय का खूब गुणगान । चल रही आज सर्दी का मौसम , जाड़े में च…
Read more »झूठ पलता दरबार में नेतागणों के आड़ में , नेतागणों के प्यार में । थोक भाव झूठ पलता , नेतागणों के दरब…
Read more »खबर कुछ मिलता नहीं , आप वहां कैसे हो । सुखी हो , दुखी हो ,या आप यहां जैसे हो ।। दौलत यहीं छुट गया, …
Read more »अहंकार जीवन होता बहुमूल्य , अहंकार मत कर प्यारे । जीवन में मिलता हार , अहंकार मत कर प्यारे ।। अहंका…
Read more »"जिस्म की दरारों " मेरे जिस्म की इन बेइंतेहा दरारों से, घायल मेरी ये रूह नजर …
Read more »प्रकृति का शृंगार ये धरा के सुंदर बाग बगीचे , पुष्पों से सुसज्जित उद्यान । सुंदर पंखों वाली पक्षी ग…
Read more »"शब्दों के घाव" हथियारों के घाव समय के साथ भर जाते, शब्दों के घाव का भरना तो आसान नही…
Read more »जो दुख नहीं होता , हम काम नहीं करते । बाप की कमाई का , रहते सदा दम भरते । हम बैठे थे निठल्ले , रहती…
Read more »हार कर भी हार, हमने कभी मानी नहीं, दुष्ट दलन की शपथ, कभी टाली नहीं। सनातन के वीरों को, जगाते चल रहे…
Read more »जिसकी फ़ितरत रोना होती, वह रोता ही जायेगा, अपनी थाली घी न देखा, दूजे की ललचायेगा। भगवान को भोग लगाय…
Read more »इश्क को अपने छुपाता रहा हूँ, तेरा नाम लिखकर मिटाता रहा हूँ। था डर तेरी रूसवाई का मुझको, अपने अरमानो…
Read more »पीते जो एक घाट पर, शेर और बकरी पानी, बकरी खा लेती घास, शेर की जान थी जानी। भूखा रहकर कैसे रहता, जंग…
Read more »चिन्तन जब जाग रहा होता हूँ, तब भी सोया सा रहता हूँ, आँख खुली पर ब्रह्मांड में, कहीं खोया सा रहता हू…
Read more »मर चुका हूँ, दुनिया जहान के लिये, जिन्दा हूँ मगर, खास काम के लिये। बहता पानी होता है, जागीर प्यासे …
Read more »मौन से मन की मौत नहीं होती, मौन से दुनिया गौण नहीं होती। आत्मचिंतन का आधार मौन है , मौन से कभी विरक…
Read more »सच्चाई का परिचय पत्र सूरज! तुम सूरज हो तुम्हें बताना होगा अपना परिचय पत्र दिखाना होगा। जीवित हो या …
Read more »जाने कितनी गलतफहमी पाल लेते हैं, कुछ लोग तिल को ताड़ मान लेते हैं। जूगनू से रहते रात के नीरव अंधेरे…
Read more »