माँ महिषासुरमर्दिनी स्तोत्र हिन्दी अर्थ सहित संकलनकर्ता आनन्द हठीला अयि गिरि-नन्दिनि नंदित-मेदिनि …
Read more »रामलला सूर्य अभिषेक,अद्भुत अनुपम विशेष हिंदू धर्म रामनवमी अनूप पर्व , सर्वत्र उमंग हर्ष उल्लास । पर…
Read more »रामनवमी पर ऋग्वेद पारायण यज्ञ हुआ आरंभ राम हमारी आस्था और भारत के सांस्कृतिक मूg के स्रोत हैं : डॉ…
Read more »पंडित विनोदानन्द झा ने मंदिर में हरिजनों के प्रवेश के लिये सफल आन्दोलन किया था इसके लिए उन्होंने या…
Read more »"ज़िन्दगी के विषम रंग" विचित्र है ये खेल, ज़िन्दगी का ये सफर, कहीं खुशियों का मेला, कहीं …
Read more »चाँद कहकर तुझे मैं बुलाने लगी।। ज़िंदगी प्यार का गीत गाने लगी।। प्यार से प्यार को प्यार करना सदा। नफ़…
Read more »'तारक' मार्कण्डेय शारदेय शिवपुराण' देखीं त चैत्र शुक्ल नवमी के मध्य रात्रि में भगवती …
Read more »बाँच ली मैंने व्यथा श्वासों की मनकों में उन्हें पिरोकर, यादों की वर्ती का लौ जलाकर, मधुर स्मृति की …
Read more »उनसे कहती है हवा (अर्चना कृष्ण श्रीवास्तव) उनसे कहती है हवा , यह कल भी उनका है ! वह पल भी उनका था, …
Read more »श्री गणेशाय नम: 17 अप्रैल 2024, बुधवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहे…
Read more »जयंतिया समुदाय का जन - जीवन डॉ अवधेश कुमार अवध जयंतिया हिल्स का भौगोलिक स्वरूप पर्वतराज हिमालय से…
Read more »शेरोवाली माँ मेरी शेरोवाली माँ की बत निराली है, शीश किरीट माँ के होठों पे लाली है। सारे दुखों को मा…
Read more »नियति करती नहीं अन्याय एक ईश के ही सारे हैं बंदे , नियति का सदा होता न्याय । सृष्टि में ऊॅंच नीच नह…
Read more »"कमल और उसकी कलम" साथ-साथ चलते हैं हरदम, कभी एक कदम, कभी दो कदम, 'कमल' और उसकी कल…
Read more »माता कालरात्रि जय जय माता कालरात्रि , तू है नर नारायण की मातृ । दुनिया पालन करने वाली , बनकर आई है …
Read more »ज्ञान और कर्म: सफलता की कुंजी ज्ञान दीपक समान, जो अंधकार मिटाए, कर्म हवा समान, जो ज्योति जगाए। ज्ञा…
Read more »बुढ़ापे में बचपन चलो फिर से हम, बच्चा बन जायें, पानी में छप छप, दौड़ भी लगायें। कुछ रेत के घरौंदे, …
Read more »महानगर का आदमी.... कंकरीट के जंगलों में जीता हुआ आदमी संवेदनाओं के प्रति मृत प्राय: आदमी, प्यार का …
Read more »कृतज्ञ बनो तो ! देखना क्या नही मिलेगा? स्नेह, प्रेम ,आशीर्वाद क्या तुम्हें पता नहीं प्रकृति के आँगन…
Read more »जाने कितनी गलतफहमी पाल लेते हैं, कुछ लोग तिल को ताड़ मान लेते हैं। जूगनू से रहते रात के नीरव अंधेरे…
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