बाबूजी पिता का साथ छूटे तो ये दुनिया रूठ जाती है। सगे रिश्तों के माला की कड़ी भी टूट जाती है। मरे जब…
Read more »मेरे पिता अँजनी कुमार पाठक सूक्ष्म रूप से अन्तर्मन मेँ सदा ही रहते मेरे पिता आना जाना रीति जगत की स…
Read more »पिता डा उषाकिरण श्रीवास्तव पिता की उंगली नहीं मिली फिर भी मैं चलना सीख लिया, मां मेरी ममता क…
Read more »वे पिता होते हैं वे पिता होते हैं चुपचाप सबकी बातें सुनते हैं मन ही मन में सब हिसाब लगाते हैं अपनी …
Read more »गोवा में 24 से 30 जून 2024 तक होगा ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ सम्मेलन की सुचना देते हुए …
Read more »मेदांता अस्पताल में हुआ पहला किडनी प्रत्यारोपण - डा.प्रभात रंजन उपसम्पादक जितेन्द्र कुमार सिन्हा की…
Read more »ह्यूमन राइट्स डिफेंडर ने वैशाली में खोली शाखा उपसम्पादक जितेन्द्र कुमार सिन्हा की कलम से | ह्यूमन र…
Read more »श्री गणेशाय नम: 17 जून 2024, सोमवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहेगा आ…
Read more »न्याय के लिए अकेले महिला का भटकना दुखद: गिरीन्द्र मोहन मिश्र. परिवार के आठ सदस्यों को एससी/एसटी एक्…
Read more »जेठ की धूप मेँ अँजनी कुमार पाठक जेठ की धूप मेँ हम झुलसते रहेँ आग बरसती रही हम तपते रहेँ सूर्य उगने …
Read more »स्पर्श....... तेरा स्पर्श मुझे रोमांचित कर गया, एक ही पल मे मेरा जीवन बदल गया। तेरी चाहत मेरे ख्वाब…
Read more »भूख थी मुझको मगर, व्याकुल हो रोया नही, भीड में तन्हां हुआ, घबराकर खोया नही। नींद थी मुझ पर हावी, कई…
Read more »कुछ नहीं मिला तो क्यों नहीं मिला, ग़र कुछ मिला तो वो क्यों नहीं मिला? इसी जद्दोजहद में सब कुछ चला ग…
Read more »छूकर चरण तुम्हारे, जीवन पथ पर कदम बढाऊँगा, छोडकर राह में चिन्ह पदों के, आगे बढता जाऊँगा। थककर हो गय…
Read more »अब,मैं तुम्हें चाहने लगा अंतरंग विमल प्रवाह, प्रीत पथ भव्य लगन । मृदुल मधुर चाह बिंब, तन मन अनंत मग…
Read more »कवि तो होते पागल कवि तो होते हैं पागल , कवि तो होते हैं दीवाना । कब कहाॅं चले लेखनी , कभी नहीं हो…
Read more »गंगा की लहरें डा उषाकिरण श्रीवास्तव गो मुख से गंगा सागर तक मां की लहरें लहरातीं है, राहो…
Read more »श्री गणेशाय नम: 16 जून 2024, रविवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहेगा …
Read more »ऐसी तस्वीर देख आंखें भर आती हैं। मन को तड़पाती और दिल को रूलाती हैं।। एक ओर जहाँ भयंकर धूप और गर्मी…
Read more »मानव जीवन का सत्य तू माटी का एक पुतला है तुझे माटी में ही मिलना है। बस कट पुतली बनकर ही मानव जीवन क…
Read more »"उम्मीदों के पंखों पर उड़ान" "उम्मीदों से बंधा एक जिद्दी परिंदा है इंसान, व…
Read more »हाय हेलो सीखा है तुमने, नमस्कार आया ही नहीं। शिक्षा तुमने पाया है, पर संस्कार आया ही नहीं।। बड़ों क…
Read more »पृथ्वी पर लगता है अंधेरा छा रहा है। क्षितिज में सूर्य डुबता जा रहा है।। समय तो ऐसे ही बदलता रहता है…
Read more »औरत एक समर्पण है, वो जिस्म नहीं रूह से जुड़ती है, वो हक़ जताती है चीखती, चिल्लाती है, मगर तब तक,जब तक…
Read more »गंगास्नान करने पर भी क्यों नहीं मिटते पाप ? आनंद हठिला पादरली कभी-कभी हमारे मन में शंका होती है कि…
Read more »छोड कर निज धर्म क्यों, हम ईसाई बन रहे, भूल कर संस्कार संस्कृति, सैंटा जैसा बन रहे। देखा नही हमने कह…
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