अघोषित आपातकाल बताते, जो सत्ता को गाली देते, सड़कों पर गुंडागर्दी, जो आतंकवाद को संरक्षण देते। बस थ…
Read more »लोकतंत्र पर जब हमला, आपातकाल लगा था, सम्पूर्ण विपक्ष भारत में, व्यथित हुआ खड़ा था। चहूँ ओर गहमा-गहम…
Read more »सिमट रहे परिवार, विराना लगता है, रिश्तों का संसार, सुहाना लगता है। ताऊ- चाचा, बुआ- मामा कैसे होते, …
Read more »दहेज़ क्या है --- क्या कन्या को शादी के समय स्वेच्छा से दिए जाने वाले धन, उपहार, वस्त्र, आभूषण को दह…
Read more »हम हों धनवान, कोई तो राह दिखाओ, सीमाएँ क्या होंगी, कोई तो बतलाओ? धन से कितनी संतुष्टि, ख़ुशियाँ मिल…
Read more »ग़ाँव ---एक दर्पण गाँव यानि गरीबी फटेहाल जिन्दगी और कुछ गन्दगी। गाँव यानि सन्तुष्टि मानवता -निश्छलता…
Read more »सच को सच कहने से, हम क्यों डरते हैं, सच का सच सुनने से भी, क्यों डरते हैं? भाव भंगिमा और विचार, हमा…
Read more »उठो पार्थ गांडीव उठाओ समर प्रांगण बहुत बड़ा है अपनों से मानव घिरा हुआ है उठो अपना कर्तव्य निभाओ पार…
Read more »स्त्री मन सदा कुंवारा कोमल निर्मल सरस भाव, अंतर अनंत मंगल धार । त्याग समर्पण प्रतिमूर्ति, धैर्य संघ…
Read more »जहाँ शब्द व्यर्थ हों, वहाँ मौन बोलता है "शब्दों का जादू है, वो दिल छू लेते हैं, भावनाओं को व्य…
Read more »सोचना यह नहीं मुश्किल हम कहाँ जाएँ। डॉ रामकृष्ण मिश्र सोचना यह नहीं मुश्किल हम कहाँ जाएँ। असल में…
Read more »ऐ आसमाॅं तू ही बता दे ऐ आसमाॅं तू ही तो बता दे , कब होगी बारिश की समा । कहीं करा रहे खूब बारिश ,…
Read more »कुदरत का करिश्मा नीचे ऊपर के मिलन से देखो बारिस हो रहा। बदलो का पर्वतो से देखो टकराना हो रहा। जिसके…
Read more »बारिश के मौसम में,नेह परवान चढ़ रहा उर हिलोरत आशा उमंग , धरा अनुभूत संसर्ग तृप्ति । बूंदों अंतर जीव…
Read more »धर्मनिरपेक्षता का बेसुरा ढोल जिस ढोल को कोई बजाता नहीं उस ढोल को हम ही बजाते हैं। चाहे हो यह बेसुर…
Read more »मौसम ने.. बदलते मौसम का अंदाज बहुत रंग ला रहा। वायू मंडल में घटाओं को जो बिखेर रहा। पेड़ पौधे फूल प…
Read more »बातों में चिंगारी ले कर सड़कों पर हैं चलते लोग। डॉ रामकृष्ण मिश्र बातों में चिंगारी ले कर सड़कों पर…
Read more »मेरा भारत सबसे प्यारा विश्व पटल गुरु पदवी, उद्गम स्थल सनातन धर्म । ऋषि मुनि वृंद तपोभूमि, श्रम निष्…
Read more »फूलों का रंग फूलों का रंग लाल होता है। खुशबू का रंग नही होता है। बागो का रंग हरा होता है। पर मोहब्ब…
Read more »दुसरों को रूला कर, कोई हंस नहीं सकता। दुसरों को उजाड़ कर, कोई वस नहीं सकता।। कल, बल, छल सब, कब तक क…
Read more »प्रणय से परिणय तक,हर कदम चमक दमक अलौकिकता अथाह दर्शन, उरस्थ पुनीत कामनाएं । आशा उमंग उल्लास अथाह, च…
Read more »नशामुक्ति दिवस शराब ने कहा मानव से , कैसे कैसे होते हैं मानव । संगत से आदत डालते , बन जाते हैं स्…
Read more »सब प्रारब्द्ध का खेल है।। जान सबमें एक ही है। कोई मुरख है कोई ज्ञानी है। अगर ज्यादा सोचो तो। बात लग…
Read more »हिंद छवि अति मनभावन इतिहास अनूप प्रेरणा पुंज, साहस शौर्य उमंग ओतप्रोत । विराट जनतंत्र वैश्विक मंच, …
Read more »बिहार में जारी है अमंगल राज, पत्रकार भी यहाँ नहीं है सुरक्षित :गिरीन्द्र मोहन मिश्र बिहार के मुजफ्फ…
Read more »दुनिया से जाने वाले जाने चले जाते हैं कहाँ ? सविता सिंह मीरा मुड़-मुड़ देख रहा था पुत्र राख हुए जन…
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